भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले में 1500 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी गई है. दिल्ली पुलिस ने ने राउज एवेन्यू कोर्ट की मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट महिमा राय के समक्ष आईपीसी की धारा 354, 354ए और 354डी के तहत आरोपी बृजभूषण के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. सूत्रों ने बताया कि चार्जशीट में करीब 200 गवाहों के बयान हैं. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 जून को मुकर्रर की है.

पॉक्सो एक्ट में क्लीन चिट

दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमन नालवा ने एक बयान में कहा, ‘‘ पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता तथा खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 के तहत पुलिस की एक रिपोर्ट दाखिल की है.

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बृजभूषण खिलाफ लगी धाराओं के मायने

पुलिस ने बताया कि अन्य पहलवानों द्वारा दर्ज कराई शिकायत पर आधारित दूसरे मामले में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354डी (पीछा करना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.

पुलिस ने बताया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के एक निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (यदि कोई किसी को अपराध के लिए उकसाता है, यदि दुष्प्रेरित कार्य उकसाने के परिणामस्वरूप किया जाता है और जहां उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान न हो), 354, 354ए और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.

दोषी साबित होने पर सजा का प्रावधान

354 में सजाः न्यूनतम एक साल अधिकतम पांच साल तक की सजा. सजा के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसमें पुलिस जमानत नहीं दे सकती. कोर्ट से जमानत मिल सकती है.

354ए में सजाः यह जमानती अपराध है. दोषी साबित होने पर अधिकतम तीन साल की सजा और जुर्माना.

354डी में सजाः यह भी जमानती अपराध है. दोषी साबित होने पर अधिकतम तीन साल की सजा या जुर्माना अथवा सजा और जुर्माना दोनो हो सकता है.

506 (1) में सजाः यह भी जमानती धारा है. इसमें दो साल सजा या जुर्माना अथवा दोनो का प्रावधान है.
धारा 109ः सजा अपराध के अनुसार, दंड के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं है.

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