रविवार को अंडमान के जल क्षेत्र में इंडियन कोस्ट गार्ड ने देश की सबसे बड़ी कार्रवाई की, जहां उसने भारत में नशीले पदार्थों (मेथ ड्रग्स) का अबतक का सबसे बड़ा खेप बरामद किया है, इंडियन कोस्ट गार्ड ने अंडमान जलक्षेत्र से करीब 5 टन (5500 किलो) के करीब नशीले पदार्थ की बड़ी खेप बरामद की है, जिसकी कीमत 25 हजार करोड़ रुपये आंकी जा रही है।

कहां से आई मेथ ड्रॅग्स की खेप?

दरअसल पायलट को कोस्टगार्ड डोर्नियर एयरक्राफ्ट के रूटीन पेट्रोलिंग के बीच एक बोट नजर आया, जिसके बाद पायलट ने बोट को फॉलो किया, इस दौरान जांच में 25 हजार करोड़ के ड्रग्स का बड़ा खुलासा हुआ. दरअसल यह देश की अब तक की सबसे बड़ी खेप थी, जिसे कोस्टगार्ड ने पकड़ा, हालांकि यह खेप कहां से आई और इसे कहां ले जाना था अब तक इसका खुलासा नहीं हो सका, इसकी जांच लगातार जारी है।

ड्रग्स तस्करी रोक पर ऑपरेशन सागर मंथन

हालांकि इसके पहले 15 नवंबर के आसपास ड्रग्स के खिलाफ ऑपरेशन सागर मंथन चालाया गया था, इस दौरान भी सेना को बड़ी सफलता मिली थी, NCB, नौसेना और गुजरात ATS ने ज्वाइंट ऑपरेशन किया था, और बीच समुद्र से भारी बड़ी मात्रा में ड्रग्स के साथ 8 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था।

इस हफ्ते NCB, नौसेना, ATS गुजरात पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया, इस दौरान भारतीय जलक्षेत्र पोरबंदर के समुद्र में लगभग 700 किलोग्राम मेथ की एक बड़ी खेप बरामद की थी, इस अभियान के दौरान 8 विदेशी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया,  जिन्होंने ईरानी होने का दावा किया था, दरअसल NCB को सूचना मिली थी कि समुद्री के रास्ते से भारतीय बार्डर पर एक शिप एंट्री करेगा , जिसमें भारी मात्रा में ड्रग्स हो सकता है, जिसके बाद सेना ने ऑपरेशन सागर मंथन चलाया। आपको बता दें कि यह अभियान ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अभियान के तहत चलाया जा रहा है।

दरअसल भारत सरकार 2047 तक भारत को नशा मुक्त कराना चाहती है, जिसके तहत भारतीय सीमा में समुद्र के अंतर इस तरह का ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आपको बता दें कि ड्रग्स ट्रैफिकिंग को लेकर केंद्र सरकार ने 111 पोस्ट NCB में बनाए हैं, जिसमें 5 SP लेवल पोस्ट जोड़े गए हैं

 ड्रग्स तस्करी का कारोबार पकड़ा जोर !

दरअसल देश में ड्रग्स तस्करी का कारोबार तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है, इंटरनेशनल-नारकोटिक-कंट्रोल ब्यूरो के मुताबिक- भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभर रहा है, दरअसल अब तक यूरोप और अमेरिका इसकी खपत का सबसे बड़ा बाजार माना जा रहा था, जबकि अरब देश इमर्जिंग मार्केट के तौर पर उभर रहे हैं, जहां करीब 2 लाख करोड़ रुपये की ड्रग्स सप्लाई होती है , जो भारत से होकर गुजरती है, हालांकि देश में NCB और केंद्रीय एजेंसियां लगातार कार्रवाई में जुटी हैं।

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