देश के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी समूह (Adani Group) के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर सामने आई है. सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) की हिंडनबर्ग (Hindenburg) मामले में नियुक्त कमेटी (Committee) ने अडाणी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि पहली नजर में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है और सेबी को कीमतों में बदलाव की पूरी जानकारी थी।

बता दें विदेशी डाटा कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेरफेर जैसे कई गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद देश में खलबली मच गई थी और कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल अडानी के मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हो गये थे। जिसके बाद मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच गया और सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों की जांच के लिए एक पैनल नियुक्त किया.

ग्रुप के गैरकानूनी निवेश के कोई सबूत नहीं- कमेटी

आज पैनल की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी ग्रुप ने शेयरों की कीमतों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं किया है. इसी के साथ ही ग्रुप के गैरकानूनी निवेश के भी कोई सबूत नहीं मिले हैं. सेबी ने पाया कि कुछ फर्मों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले शॉर्ट पोजीशन ली थी और रिपोर्ट के बाद कीमतों में गिरावट आने पर फायदा हुआ. कमेटी का दावा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद शॉर्टसेलरों ने मुनाफा कमाया और सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने इसकी जांच किए जाने की सिफारिश की है।

‘SEBI को कीमतों में बदलाव की पूरी जानकारी’

समिति के अनुसार, गैर कानूनी व्यापार का कोई स्पष्ट पैटर्न नहीं मिला. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SEBI को कीमतों में बदलाव की पूरी जानकारी थी. अडानी ग्रुप ने शेयरों की कीमतों को प्रभावित नहीं किया. अडानी ग्रुप ने लाभ पाने वाले मालिकों के नाम उजागर किए. साथ ही SEBI ने अडानी ग्रुप से मिली जानकारी को गलत नहीं बताया है. बताया गया है कि न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग को लेकर भी कानून का पालन किया गया है.

रिटेल निवेश 24 जनवरी के बाद कई गुना बढ़ा- कमेटी

एक्सपर्ट कमिटी ने कहा कि अदाणी ग्रुप के शेयरों में रिटेल निवेश 24 जनवरी के बाद कई गुना बढ़ गया है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अदाणी ग्रुप की ओर से उठाए गए कदमों से विश्वास पैदा करने में मदद मिली और शेयर अब स्थिर हैं. रिपोर्ट में ये साफ किया गया है कि पार्टियों ने शपथ पर पुष्टि की है कि FPIs निवेश को अदाणी ग्रुप ने फंड नहीं किया है.

6 मई को सौंपी गई रिपोर्ट

पैनल ने 6 मई को अपनी ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी. CJI डी.वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस पर सुनवाई की थी. बता दें रिपोर्ट पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

सुप्रीम कोर्ट की 6 सदस्यीय कमेटी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी के सदस्यों में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे, बॉम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जेपी देवधर, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष ओपी भट्ट, ICICI बैंक के पूर्व प्रमुख केवी कामथ, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि और प्रतिभूति और नियामक (SEBI) विशेषज्ञ सोमशेखर सुंदरसन शामिल रहे।

राहुल गांधी ने खड़े किए PM पर सवाल

बता दें, अडानी पर लगे हिंडनबर्ग के आरोपों को लेकर विपक्षी दलों ने कई दिनों तक जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद के अंदर और भीतर सीधे प्रधानमंत्री पर सवाल खड़े किये। वहीं, कांग्रेस सहित 17 विपक्षी दलों ने इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की मांग के लिए संसद से सड़क तक जबदस्त हंगामा काटा।

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