कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा पेश किए गए घोषणा पत्र पर राजनीति गरमाई हुई है. कांग्रेस के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. जिसके बाद से सभी पार्टी के नेता बयानबाजी कर रहे हैं. अब इस बीच डैमेज कंट्रोल करने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की कोई बात नहीं कही है. इसमें केवल नफरत फैलाने वाले संगठनों को चेताया गया है.

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कर्नाटक के लोग बुद्धिमानी से सरकार चुनेंगे- चिदंबरम

पी चिदंबरम ने बजरंग दल की तुलना ‘बजरंगबली’ से करने पर भी सवाल उठाया है. चिदंबरम ने भरोसा जताया कि राज्य के लोग बुद्धिमानी से सरकार चुनेंगे. चुनाव स्पष्ट है, क्योंकि कर्नाटक या तो एक उदार, लोकतांत्रिक, बहुवचन, सहिष्णु का मॉडल बन सकता है या अंतर्मुखी, बहुसंख्यकवादी, असहिष्णु और प्रतिगामी राज्य बनेगा.

UCC और NRC करेंगे समाज को विभाजित- चितंबरम

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और कर्नाटक के भविष्य के लिए, हमें बीजेपी को कर्नाटक में जीतने से रोकना चाहिए. राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) की शुरूआत के बीजेपी के वादे के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि दोनों ऐसे मुद्दे हैं जो समाज को विभाजित करने और सामाजिक संघर्ष को बढ़ावा देने की क्षमता रखते हैं.

घोषणा पत्र में क्या किया गया वादा

कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने इस हफ्ते की शुरूआत में घोषणा पत्र जारी किया था. जिसमें पार्टी ने जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी. पार्टी ने कहा था कि “हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते.” पार्टी ने ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करने की बात कही.

बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

वहीं पार्टी की बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने वाली बात पर बजरंग दल के कार्यकर्ता भड़क गए थे. कांग्रेस से गुस्साए कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद में कांग्रेस दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था. जिसके बाद तेलंगाना पुलिस के एक्शन लेते हुए कुछ को हिरासत में ले लिया था.

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