मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है। राहुल की याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर 15 मई तक रोक लगा दी है। जस्टिस संदीप कुमार की एकल पीठ ने राहुल गांधी की याचिका पर ये राहत दी है। MP-MLA कोर्ट ने राहुल को 25 अप्रैल को कोर्ट में हाज़िर होने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट द्वारा लगाये गई रोक के बाद उन्हें 25 अप्रैल को हाज़िर नहीं होना पड़ेगा।
बता दें कि पटना की निचली अदालत ने उन्हें 25 अप्रैल,2023 को कोर्ट में उपस्थित हो कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा था। निचली अदालत के उस आदेश के विरुद्ध राहुल गांधी ने आदेश को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें राहत दी। अब उन्हें पटना की निचली अदालत में उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। इस मामलें पर अगली सुनवाई 15 मई को की जाएगी।
ये भी पढ़ें- शरद पवार के बयान ने फिर चौंकाया, अब महाविकास अघाड़ी गठबंधन के भविष्य पर उठा दिये सवाल
ये भी पढ़ें- युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, यौन उत्पीड़न का लगा है आरोप
2019 का है मामला
दरअसल, 2019 में बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने मोदी समाज को चोर कह कर अपमानित किया है। फिर केस में कांग्रेस नेता ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जमानत ली थी। इस मामले में 5 गवाह हैं, जिसमें सुशील कुमार मोदी भी हैं। इस केस में आखरी गवाही दर्ज कराने वाले सुशील मोदी हैं।
सूरत कोर्ट से राहुल को मिली है सजा
राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम पर दिये गये बयान पर सूरत में बीजेपी के नेता पूर्णेश मोदी ने भी आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करवाया था। 23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने राहुल पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद लोकसभा से उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गयी।