कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई है, यानी वर्तमान में वे सांसद से पूर्व सांसद हो गये हैं। मोदी सरनेम को लेकर मानहानि मामले में सूरत कोर्ट से हुई सजा के बाद आज लोकसभा सचिवालय से अधिसूचना जारी होने के बाद राहुल की सदस्यता रद हो गयी है।
राहुल के पास आगे क्या-क्या विकल्प हैं?
CRPC की धारा-374 सजा के खिलाफ अपील का प्रावधान देती है। इसलिए राहुल गांधी अभी सजा के खिलाफ सेशंस कोर्ट के समक्ष ही चुनौती दे सकते हैं। अगर सेशंस कोर्ट द्वारा कोई राहत नहीं दी जाती है, तो इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
हाईकोर्ट जाने का रास्ता
राहुल के पास सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का विकल्प है। सूरत कोर्ट ने राहुल को इसके लिए 30 दिन का समय भी दिया है। माना जा रहा है कि राहुल हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। हालांकि, हाईकोर्ट अगर निचले कोर्ट के फैसले को स्टे करता है तभी उनकी संसद सदस्यता बहाल हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प
संविधान के अनुच्छेद-136 के तहत राहुल सीधे सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं। लेकिन अगर सर्वोच्च अदालत से भी राहत नहीं मिलती है तो फिर वे 8 साल के लिए चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इन 8 सालों में 6 साल लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत और 2 साल सूरत कोर्ट की ओर से मिली सजा के हैं। ऐसा होने पर राहुल 2031 तक चुनावी मैदान से दूर रहेंगे। इस दौरान देश में 2024 और 2029 में दो लोकसभा चुनाव होने हैं।
वायनाड में हो सकते हैं उपचुनाव
लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया है। चुनाव आयोग अब इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर सकता है। इसके बाद राहुल को दिल्ली में मिला सरकारी बंगला भी खाली करने को कहा जा सकता है।
कोर्ट के फैसले पर क्या बोले कपिल सिब्बल?
देश के जाने माने अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के मुताबिक, सूरत कोर्ट के सजा सुनाने के साथ ही राहुल सांसद के तौर पर स्वतरू ही अयोग्य हो गए थे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जिस क्षण किसी संसद सदस्य को किसी आपराधिक मामले में दोषी करार दिया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है, उसी क्षण वह संसद के लिए अयोग्य हो जाता है।
ये भी पढ़ें- विपक्ष लामबंद! सुप्रीम कोर्ट पहुंचे 14 विपक्षी दल, ED-CBI की कार्रवाई पर गाइडलाइन मांगी
राहुल को क्यों मिली है सजा?
2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है। उन्होंने कहा था, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी…का सरनेम काॅमन क्यों है? सभी चोरों को सरनेम मोदी क्यों होता है”? इस बयान पर सूरत पश्चिम के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।