पड़ोसी देश चीन ने अपनी धौंस दिखाते हुए कहा है कि उसकी मंजूरी पर ही मौजूदा दलाई लामा के किसी उत्तराधिकारी को मान्यता दी जाएगी. साथ ही चीन ने दलाई लामा या उनके अनुयायियों द्वारा नामित किसी व्यक्ति को मान्यता देने से इनकार कर दिया है. चीनी सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक श्वेत पत्र में दावा किया गया कि दलाई लामा एवं अन्य जीवित बुद्ध विभूतियों के पुनर्जन्म के अनुमोदन को किंग राजवंश (1644.1911) के समय से ही सरकार स्वीकृति देती आई है. दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि प्राचीन समय से ही तिब्बत चीन का अविभाज्य हिस्सा है. इसमें कहा गया है कि 1793 में गोरखा आक्रमणकारियों के जाने के बाद से किंग सरकार ने तिब्बत में व्यवस्था बहाल की और तिब्बत में बेहतर शासन के लिए अध्यादेश को मंजूर किया. दस्तावेज के मुताबिक, अध्यादेश में कहा गया कि दलाई लामा और अन्य बौद्ध धर्मगुरु के अवतार के संबंध में प्रक्रिया का पालन करना होता है और चुनिंदा उम्मीदवारों को मान्यता चीन की केंद्रीय सरकार के अधीन है.

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