मध्य प्रदेश में बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि को लेकर सरकार एक्टिव हो गयी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बारिश एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान की समीक्षा की। सीएम हाउस में हुई बैठक में सीएस, पीएस रिवेन्यू, पीएस एग्रीकल्चर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सर्वे का काम पूरी तत्परता और ईमानदारी से किया जाए और इसके बाद अगर किसी किसान की आपत्ति आती है तो उसका निराकरण भी किया जाए।
20 जिले प्रभावित
सीएम ने बैठक में कहा कि 6 से 8 मार्च के लगभग हुई बारिश के दौरान पहले फेस का सर्वे पूरा हो चुका है। वहीं दूसरे फेस का सर्वे शुरू हो चुका है। उन्होने कहा कि सभी जगह सर्वे दल गठित हो चुके हैं और सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे दल में राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शामिल किया गया है। सीएम ने कहा कि प्रदेश के 20 जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि की जानकारी आई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार किसान भाई बहनों के साथ खड़ी है और सर्वे में किसी तरह की लापरवाही ना हो।
RBC 6-4 के अंतर्गत नुकसान की भरपाई
बैठक में निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवेन्यू, कृषि और पंचायत विकास के अमले को सर्वे में एक साथ शामिल करें। सर्वे पूरा होने के बाद सूची को पंचायत के दफ्तर में लगा दिया जाए। सर्वे होने के बाद किसी किसान की आपत्ति आती है तो उसका भी निराकरण किया जाए। उन्होने कहा कि सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ, संवेदना के साथ किसानों के साथ है। आरबीसी 6-4 के अंतर्गत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। इस दौरान पशु हानि की भी सूचना भी आई है और मध्यप्रदेश सरकार पशु हानि के भी नुकसान की भरपाई भी करेगी। सीएम ने कहा कि फसल सर्वे का पूरा काम 25 मार्च तक हो जाएगा।