मध्य प्रदेश में इस चुनावी साल में बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी तीखी होती जा रही है। शुक्रवार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आमने-सामने आ गए थे। पहले दिग्विजय ने सिंधिया की वफादारी को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद ज्योतिरादित्य ने दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार किया था। अब इस बयानों की लड़ाई में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सामने आ गये हैं। उन्होंने क्या कहा, आगे पढ़िये…
सिंधिया जी गद्दार नहीं, खुद्दार हैं- शिवराज
दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि ‘सिंधिया गद्दार नहीं, खुद्दार हैं, आखिर वह कांग्रेस में कितना अपमान सहते। कांग्रेस ने 2018 का विधानसभा चुनाव महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर लड़ा, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ को बना दिया, जबकि उनकी सरकार भी दिग्गी राजा पीछे से चला रहे थे। कमलनाथ तो नाम मात्र का चेहरा थे।’
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‘कमलनाथ का अहंकार इतना बढ़ गया था’…
सीएम शिवराज ने कहा कि ‘ जब सिंधिया जी और उनके समर्थकों ने जनसमस्याएओं को उठाया, तो कहा कि काम करो नहीं तो हम सड़कों पर उतरेंगे। जिस पर कमलनाथ ने कहा कि उतर जाओ। अहंकार इतना बढ़ गया था कि मैं तो गाड़ी में बिठाकर छोड़ आऊंगा दूसरी पार्टी में। कोई इतना अपमान कैसे सहता। मिलने को कहो चलो-चलो कहते थे।’
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‘हम किसी की मेहरबानी से सरकार नहीं चला रहे’
सीएम शिवराज ने कहा कि ‘अगर वह लोग गलत होते तो उपचुनाव में जनता उन्हें हजारों वोटों से क्यों जिताती। कांग्रेस में रहते हुए जो लोग एक हजार दो हजार वोटों से जीते थे। फिर वह लोग उपचुनाव में पचास-पचास हजार वोटों से कैसे जीते। हम किसी की मेहरबानी पर सरकार नहीं चला रहे।
‘कांग्रेस में छोटेपन और ओछेपन की होड़ लगी है’
मुख्यमंत्री ने कहा, सिंधिया जी के साथियों ने इस्तीफा दिया और शान से उपचुनाव जीतकर आए। लेकिन कांग्रेस में छोटेपन और ओछेपन की होड़ लगी है, एक नेता दूसरे को छोटा करने के लिए बड़ा बयान देना चाहता है। इसमें कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं।’
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