यूपी में उमेश पाल हत्याकांड के बाद से सरकार की रडार पर आया माफिया डाॅन अतीक अहमद की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है. हाल ही में प्रयागराज कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद अतीक गुजरात की साबरमती जेल मे बंद है. अब खुलासा हुआ है कि अतीक के यूपी में रहते जेल प्रशासन में भी खासा खौफ रहा था और यही वजह है कि जेल अधिकारियों द्वारा अतीक और उसके भाई को खास सुविधाएं जाती थीं. अब यूपी सरकार ने अशरफ को जेल के अंदर सुविधाएं देने के लिए मामले में 3 जेल अधीक्षकों को निलंबित कर दिया है.

एक्शन मोड पर DG कारागार

यूपी के पुलिस महानिदेशक, कारागार एस.एन. साबत कार्यभार संभालते ही एक्शन मोड पर नजर आये हैं. सीएम योगी के निर्देश के बाद मंगलवार को डीजी जेल ने कार्रवाई करते हुए प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल समेत तीन जेलों के जेल अधीक्षकों को सस्पेंड कर दिया है. जिन अधिकारियों पर गाज गिरी है, उनमें बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम, नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह यादव, बरेली 2 जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला का नाम शामिल है.

एस.एन. साबत

 बरेली, नैनी और बांदा के जेल अधीक्षक निलंबित

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार शाम को जेल के महानिदेशक और जेल विभाग के सचिव के साथ अहम बैठक की थी. इस बैठक में सीएम योगी के सामने एक रिपोर्ट पेश की गई थी जिसमें जेल में गड़बड़ी करने और लापरवाही बरतने की बात कही गई थी. बताया जा रहा है कि बिनी पर्ची बनाए ही अशरफ के करीबी उससे मिलने जेल आ जाते थे. इसके अलावा अशरफ को अन्य VIP सुविधाएं दी जा रही थीं. सीएम योगी ने बैठक के दौरान जेल अधीक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए जिसके बाद जेल प्रशासन ने बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला, नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह और बांदा के जेल अधीक्षक अविनाश गौतम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

राजीव शुक्ला
अविनाश गौतम
शशिकांत सिंह यादव

जेल वापस जाने के दौरान अशरफ ने किया था यह दावा

दरअसल, अशरफ फिलहाल बरेली जेल में बंद है और उमेश पाल अपहरण कांड में अशरफ पर भी केस दर्ज किया गया था. अशरफ और अतीक अहमद दोनों को प्रयागराज लाया गया था और उन्हें अदालत में पेश किया गया था. अतीक को जहां मामले का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी गयी थी, वहीं अशरफ को बरी कर दिया गया था. अशरफ को प्रयागराज से दोबारा बरेली जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. उस पर 50 से अधिक मामले चल रहे हैं. पुलिस वैन से वापस जेल भेजे जाने के दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए अशरफ ने अपनी जान को खतरा बताया था. उसने कहा था कि उसे जेल में नहीं बल्कि जेल के बाहर खतरा है. उसने दावा करते हुए कहा, एक जेल अधिकारी ने मुझसे कहा है कि अपहरण मामले में तो तुम बच गए लेकिन जेल से बाहर निकालकर तुम्हारी हत्या कर दी जाएगी.

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