गीता प्रेस गोरखपुर को साल 2021 का ‘गांधी शांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाने की घोषणा पर कांग्रेस विरोध में उतर आई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने के फैसले की आलोचना की है.

जयराम रमेश ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की तुलना वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे से की है. जयराम रमेश ने ट्ववीट में लिखा, “2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस गोरखपुर को दिया जाने का निर्णय लिया गया है. गीता प्रेस इस साल अपनी शताब्दी मना रहा है. यह फैसला वास्तव में एक उपहास है. ये सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है.”

कांग्रेस में अब माओवादी लोग- रविशंकर

वहीं जयराम रमेश के ट्वीट के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, कांग्रेस से क्या उम्मीद की जा सकती है जिसने राम मंदिर निर्माण की राह में रोड़े अटकाए? जो तीन तलाक का विरोध करती है…गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार पर उनकी टिप्पणी से ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है? हम इसकी निंदा करते हैं। मैं भारी मन से कहना चाहता हूं कि देश पर शासन करने वाली पार्टी में अब माओवादी मानसिकता वाले लोग हैं, वे राहुल गांधी के भी सलाहकार हैं और इसका पूरे देश को विरोध करना चाहिए।

गीता प्रेस को 100 साल पूरे

गोरखपुर स्थित गीता प्रेस की स्थापना साल 1923 में हुई थी. गीता प्रेस दुनिया में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है. इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ किताबों का प्रकाशन किया है, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता पुस्तकें शामिल हैं. खास बात ये है कि इस संस्था ने पैसा कमाने के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों के लिए विज्ञापन नहीं लिए.

क्या है गांधी शांति पुरस्कार?

दरअसल, गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार की ओर से स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है. साल 1995 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी. गांधी शांति पुरस्कार के साथ ही गीता प्रेस को एक करोड़ रुपये की राशि से सम्मानित किया जाना है.

गीता प्रेस का धनराशि लेने से इंकार

गांधी शांति पुरस्कार के साथ ही गीता प्रेस को एक करोड़ रुपये की राशि से सम्मानित किया जाना है. लेकिन, गीता प्रेस मैनेजमेंट ने एक करोड़ की सम्मान राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. ये बात गीता प्रेस के प्रबंधक डॉ लालमनी तिवारी ने कही है.

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