इस साल कांग्रेस में आपसी गुटबाजी में पार्टी लगातार सुर्खियों में रही है, कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर भी कांग्रेस में काफी मतभेद रहैं..वहीं राज्यों में भी पार्टी में आपसी मतभेद सामने आ चुके हैं, जो किसी से छिपा नहीं है, इनमें राजस्थान का नाम सबसे पहले आता है, जिसमे एक खेमा राजस्थान के सीएम अशोक गहोलत तो दूसरा खेमा सचिन पायलट गुट हैं, इन दोनों आपसे मतभेद लगातार सामने आते रहे हैं, इसी बीच आज से कांग्रेस का 85वां अधिवेशन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुरू हो रहा है, अधिवेशन का नाम ‘हाथ से जोड़ो हाथ’ दिया गया है, इस अधिवेशन में देशभर से कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल होने पहुंचे हैं, यह 3 दिवसीय यानी 24 से 26 फरवरी तक अधिवेशन होगा, हालांकि अधिवेशन से पहले AICC डेलिगेट्स की सूची पर सियासी घमासान मच गया है…।
अधिवेशन में करीब 15,000 कांग्रेस प्रतिनिधियों को बुलाया गया है, बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता रायपुर पहुंच चुके हैं और बाकि पहुंच रहे हैं.. अधिवेशन में कई मुद्दों पर चर्चा होगी और मुहर भी लगेगी।
इस अधिवेशन में 6 विषयों पर सब-ग्रुप बनाया गया है, जिन पर पार्टी नेता आपस में चर्चा करेंगे और अपनी आगामी रणनीति बनेगी, इनमे राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक न्याय..किसान, युवा, शिक्षा और रोजगार समेत अंतराष्ट्रीय मामले शामिल हैं.. साथ ही संविधान पर भी मंथन होगा…।
इस बार का अधिवेशन अहम माना जा रहा है, वो इसलिए की 26 साल बाद CWC चुनाव होने की संभावना भी है, कांग्रेस वर्किंग कमिटी का भी गठन किया जाएगा, इसी बैठक में आगामी अधिवेशन का अजेंडा भी तय होगा। इस अधिवेशन का पूरा फोकस आगामी चुनाव और CWC चुनावों पर होगा, CWC को लेकर पार्टी में दो मत हैं, जिसमे एक खेमा चुनाव तो दूसरा उस परंपरा को बनाए रखने के पक्ष में है, जिस कारण पार्टी अध्यक्ष अपनी टीम खुद चुनते आ रहे हैं।
दरअसल 2024 में लोकसभा चुनाव होना है, इस साल 6 राज्यों में भी चुनाव होने हैं, जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ कर्नाटक, तेलंगाना कांग्रेस के लिए अहम है।
हालांकि इन सबके बीच सवाल उठना भी लाजमी है कि क्या कांग्रेस चुनौतियों का रास्ता निकाल पाएगी या फिर उसकी मुश्किलें और बढ़ने वाली है…।