शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के ‘डिफेंस मिनिस्टर्स मीट’ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी सदस्य देशों से एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ने की जरूरत बताई। शुक्रवार को बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमें एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ना होगा’ इस बैठक में एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए। नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में आतंकवाद का मुद्दा छाया रहा।

आतंकवाद से निपटना सर्वोच्च प्राथमिकता- राजनाथ

बैठक में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘अगर हम SCO को मजबूत और अधिक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय समूह बनाना चाहते हैं तो हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता ‘आतंकवाद’ से प्रभावी ढंग से निपटना होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘भारत सभी सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए SCO को एक महत्वपूर्ण संगठन के रूप में देखता है। रक्षा मंत्री बोले, हम एक राष्ट्र के तौर पर SCO सदस्य देशों के बीच विश्वास तथा सहयोग की भावना को और मजबूत करना चाहते हैं।’

पाकिस्तान पर खड़े किये सवाल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद को पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों का खुलेआम समर्थन मिल रहा है। पाकिस्तान जून, 2018 से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में था, लेकिन अक्टूबर, 2022 में ग्लोबल टेरर-फाइनेंसिंग वॉचडॉग एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट से हटा दिया। इसके पीछे तर्क दिया गया कि पाकिस्तान ने धन-शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर अपनी कार्य योजनाओं को काफी हद तक पूरा कर लिया है।

रक्षामंत्री राजनाथ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी संगठन जब आसानी से खुले तौर पर धन एकत्र कर सकते हैं तो इससे आतंकवादी गतिविधियों पर नकेल कसने की सरकार की क्षमता के बारे में चिंता उत्पन्न होती है। जैश-ए-मोहम्मद की क्राउडफंडिंग सिर्फ पेशावर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में भी दिखाई दे रहा है।

रूस, चीन और ईरान समेत सदस्य देश हुए शामिल

चीन के रक्षा मंत्री ली शांग्फु, रूस के सर्गेइ शोइगु, ताजिकिस्तान के कर्नल जनरल शेराली मिर्जो, ईरान के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा घराई अश्तियानी और कजाखस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रुस्लान झाक्सिलिकोव ने दिल्ली में हुई बैठक में भाग लिया. वहीं, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के रक्षा मामलों पर विशेष सहायक मलिक अहमद खान ने SCO की बैठक में वर्चुअली हिस्सा लिया।

SCO की पहली बार मेजबानी कर रहा भारत

शंघाई सहयोग संगठन में शामिल होने के बाद भारत पहली बार SCO बैठकों की मेजबानी कर रहा है। SCO की सदस्यता में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। सदस्य देशों के अलावा दो पर्यवेक्षक देश बेलारूस और ईरान भी SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग ले रहे हैं।

SCO की बैठक से पहले द्विपक्षीय बैठकें

चीन के साथ द्विपक्षीय बैठक
कजाखस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक
रूस के साथ द्विपक्षीय बैठक
तजाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक
ईरान के साथ द्विपक्षीय बैठक

इससे पहले गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू, ईरान, कजाकिस्तान और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। यह बैठकें सौहार्द्रपूर्ण और गर्मजोशी भरे माहौल में हुईं और भारत के साथ सदियों पुराने सांस्कृतिक, भाषाई और सभ्यतागत संबंधों पर जोर दिया गया।

चीन को राजनाथ का स्पष्ट संदेश

चीन के रक्षा मंत्री के साथ वार्ता में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों का विकास सीमाओं पर शांति और शांति के प्रसार पर आधारित है। उन्होंने कहा कि LAC पर सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुसार हल करने की आवश्यकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here