दिल्ली में बीते दिनों सीएम आवास पर रेनोवेशन में खर्च हुए 45 करोड़ रुपए का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सरकारी आवास पर खर्च के मामले में केजरीवाल पहले ही बीजेपी और कांग्रेस के निशाने पर हैं. अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस मामले पर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांग ली है. LG को यह रिपोर्ट 15 दिन में देने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं.
जहां एक तरफ, बीजेपी और कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. वहीं दूसरी तरफ अब इस मामले में एक बार फिर दिल्ली सरकार बनाम एलजी के बीच तकरार बढ़ने जा रही है.
LG को रिकार्ड मांगने का हक नहीं आतिशी
दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने एलजी को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि वह कौन होते हैं सीएम आवास के नवीनीकरण का रिकॉर्ड मांगने वाले? आतिशी ने अपने पत्र में एलजी को चेताया है. उन्होंने एलजी को अपने आदेश वापस लेने के लिए कहा है. पत्र में लिखा है कि हमें उम्मीद है कि आप चुनी हुई सरकार पर दबाव नहीं डालेंगे. अगर आप दबाव डालते हैं और असंवैधानिक कार्य करते हैं तो हमें एक बार फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से रोक नहीं पाएंगे.
आरोप आधारहीन और गुणहीन
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने पत्र में लिखा, यह कहने की जरूरत नहीं है कि पत्र में लगाए गए आक्षेप और आरोप आधारहीन और गुणहीन हैं. लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एलजी जिस शक्ति का प्रयोग करने की कोशिश कर रहे हैं वह उनके अधिकार क्षेत्र से पूरी तरह से बाहर है.
LG को कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है
आतिशी ने कहा कि LG ने संविधान के अनुच्छेद 239AA, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के कार्य संचालन के नियम 4(2) नियम, 1993 का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, लेफ्टिनेंट गवर्नर को कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं सौंपी गई है. उसे या तो मंत्रिपरिषद की “सहायता और सलाह” पर कार्य करना होता है या वह राष्ट्रपति द्वारा किए गए संदर्भ पर लिए गए निर्णय को लागू करने के लिए बाध्य होता है.
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