17 सितंबर को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया,  दिग्गजों ने दी उन्हे जन्मदिन की बधाई दी।

70 साल बाद भारत में चीतों की एंट्री

शनिवार यानी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन था, देशभर में उनका जन्मदिन मनाया  गया, लेकिन मध्यप्रदेश में कुछ खास तरह से ही उनका जन्मदिन मना, यानी प्रधानमंत्री ने अपने जन्मदिन को कुछ अलग अंदाज में मनाया, जो दुनिया भर में अपनी सुर्खियां बटोरी, ये सुर्खियां बटोरने वाले कोई और नहीं बल्कि अफ्रीका के नामीबिया से आए खास चीते थे, इन चीतों को लेकर नामाबिया से विशेष विमान से ग्वालियर लैंड कराया गया था, जिसके बाद सेना के विमान से श्योपुर के कुनो पार्क लाया गया, प्रधानमंत्री मोदी कुनो नेशनल पार्क में लीबर खीचकर बक्स खोला और इन चीतों को बारी-बारी से बाड़ों में छोड़ा और फोटो  भी क्लिक किया, इन चीतों में से 5 मादा 3 नर चीते शामिल हैं।  

भारत में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित किया गया

बतादें कि 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित किया गया था, 2009 में प्रोजेक्ट चीता शुरू किया गया, जिसके बाद से भारत देशों में जीतों को बसाने का प्रयास कर रहा है।  

कूनों पार्क में कार्यक्रम, तमाम दिग्गज हुए शामिल

इस मौके पर कुनो में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रधानंत्री मोदी समेत प्रदेश के सीएम शिवराज, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर समेत तमाम मंत्री मौजूद रहे।

भारत की धरती पर चीते लौट आए- प्रधानमंत्री

चीतों की भारत में वापसी पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए धर्य रखना होगा, कुछ दिनों इंतजार करना होगा, क्योंकि इन चीतों एक महीने के लिए क्वरंटीन किया गया है, समय का चक्र हमें अतीत को सुधारकर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है, आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है, दशकों पहले जैव विविधता की जो कड़ी टूट गई थी, आज उसे जोड़ने का हमें मौका मिला है, आज भारत की धरती पर चीते लौट आए हैं, यह दुर्भग्य है कि देश में 1952 में चीतों को देश से विलुप्त घोषित किया गया, लेकिन पुनर्वास के लिए दशकों से कोई प्रयास नहीं किया गया, आजादी के अमृत महोत्सव में अब देश नई ऊर्जा और चीतो के पुनर्वास के लिए जुट गया है, भारत इन्हे बसाने की पूरा प्रयास कर रहा है।

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