दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। सीबीआई ने औपचारिक तौर पर उनको सारे खेल का मास्टर माइंड बताया है। आज स्पेशल कोर्ट में सीबीआई ने जो नई चार्जशीट दाखिल की है, उसमें सिसोदिया समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने पहली बार मनीष सिसोदिया को आधिकारिक तौर पर दिल्ली शराब घोटाले का आरोपी माना है। कोर्ट इस मामले पर 12 मई को फिर से सुनवाई करेगी।
सिसोदिया के साथ 03 अन्य आरोपी
मनीष सिसोदिया के साथ सीबीआई ने जिन तीन लोगों को दिल्ली शराब घोटाले का आरोपी माना है, उनमें अमनदीप ढल, बुच्ची बाबू और अर्जुन पांडेय का नाम शामिल है। स्पेशल जज एमके नागपाल की कोर्ट में दाखिल की गई नई चार्जशीट में सीबीआई का कहना है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ PC-ACT के सेक्शन 19 के तहत केस चलाने की अनुमति हासिल कर ली गई है। कोर्ट अब चार्जशीट पर दोनों पक्षों की बहस सुनेगी।
नवंबर में दाखिल की थी पहली चार्जशीट
नवंबर 2022 में सीबीआई ने मामले में पहली चार्जशीट दायर की। इसमें सिसोदिया का नाम नहीं था। सीबीआई ने फरवरी में सिसोदिया से करीब 8 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसी ने कहा कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।
शराब घोटाले में कब क्या हुआ
दरअसल, नवंबर 2021 में ये मामला तब सुर्खियों में आया जब दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति लॉन्च हुई। बीजेपी ने इस नीति में घोटाले का आरोप लगाया। जुलाई 2021 में नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी। फिर मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर एलजी ने सीबीआई जांच की मंजूरी दी। विवाद बढ़ता देख दिल्ली सरकार ने नई नीति को वापस ले लिया।
अगस्त 2022 आबकारी मामले में सीबीआई ने 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया। फिर मनीष सिसोदिया के घर और दफ्तर पर सीबीआई ने छापे मारे और कुछ दस्तावेज व उपकरण जब्त किए। सीबीआई की टीम ने गाजियाबाद स्थित पंजाब नैशनल बैंक में सिसोदिया के बैंक लॉकर को भी खंगाला।
उधर दबाव बढ़ता देख 1 सितंबर 2022 को दिल्ली सरकार ने पुरानी आबकारी नीति फिर से लागू कर दी। फिलहाल सिसोदिया एक मई तक न्यायिक हिरासत में हैं। मनीष सिसोदिया से लंबी पूछताछ के बाद 26 फरवरी को सीबीआई ने उनको गिरफ्तार किया था। वह करीब दो महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं।