अजीत डोभाल को फिर भारत का NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उन्हें लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए हैं, जबकि PK मिश्रा को फिर से प्रधानमंत्री मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है।
दरअसल बीते 2014 में पहली बार मोदी सरकार आई थी, तब पहली बार अजित डोभाल को NSA (National Security Advisor) के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसके बाद उन्हें यहीं जिम्मेदारी दूसरी और तासरी बार फिर से मिली ।
2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्ययकाल में भी डोभाल का कार्यकाल जारी रहा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर उनका यह तीसरा कार्यकाल होगा।
प्रधान सचिव में कोई बदलाव नहीं
इसके अतिरिक्त पीएम के प्रधान सचिव में कोई फेरबदल नहीं किया गया है, इसकी जिम्मेदारी पीके (प्रमोद कुमार) मिश्रा को फिर से सौंपी गई है। ये गुजरात कैडर के 1972 बैच के (IAS) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, 2001-2004 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी इन्होंने प्रधान सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था।
क्या होता है NSA ?
यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) का एक वरिष्ठ अधिकारी होता है, इसकी नियुक्ति कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) की तरफ से की जाती है, इसकी अध्यक्षता देश के प्रधानमंत्री करते हैं, यह राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, रणनीतिक मामलों पर प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं, NSA सभी खुफिया रिपोर्ट प्राप्त करता है, उन्हें प्रधानमंत्री के सामने प्रस्तुत करता हैं, भारत के आंतरिक-बाहरी खतरों से संबंधित मामलों पर प्रधानमंत्री को सलाह देने का काम सौंपा गया है, भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दूसरे देशों के साथ प्रधानमंत्री के विशेष वार्ताकार और सुरक्षा मामलों पर दूत के तौर पर काम करता है, भारत सरकार ने 2019 में अजित डोभाल को NSA बनाने के साथ ही कैबिनेट रैंक दिया था।
कब हुई एनएसए की स्थापना ?
भारत में 1998 में इस NSA पद की स्थापना हुई थी, इसकी नियुक्त भारतीय विदेश सेवा या भारतीय पुलिस सेवा से संबंधित हैं, दरअसल बीते अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में ब्रजेश मिश्रा पहले NSA थे, जो 22 मई 2004 तक रहे, जिसके बाद कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार में आईएफएस अधिकारी जेएन दीक्षित को इसकी जिम्मेदारी मिली, जबकि 3 जनवरी 2005 से 23 जनवरी 2010 तक IPS एमके नारायणन को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी, 24 जनवरी 2010 से 28 मई 2014 तक आईएफएस (IFS) शिवशंकर मेनन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे, जिसके बाद साल 2014 में मोदी सरकार के कार्यकाल में इसकी जिम्मेदारी अजित डोभाल को दी गई, जो लगातार तीसरी बार इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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