मध्य प्रदेश के बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि जैसे नुकसान के बाद शिवराज सरकार ने किसानों के लिये जरूरी और अच्छी खबर दी है। समर्थन मूल्य पर चमकविहीन गेहूं खरीदी के संबंध में गाइडलाइन जारी की गई है। 10 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं बिना वैल्यू कट के साथ उपार्जन किया जाएगा।
10 से 80 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहुं की खरीद
10 से 80 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं को एक चौथाई के लिए, एक पूर्ण मूल्य कटौती के साथ उपार्जन किया जाएगा। अस्सी प्रतिशत तक ही चमकविहीन गेहूं का उपार्जन किया जायेगा। इससे अधिक प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं नहीं खरीदा जाएगा। उपार्जन केंद्रों को चमकविहीन गेहूं का विधिवत रिकार्ड रखने के निर्देश दिए हैं। किसान की तौल की गई उपज में कितने प्रतिशत गेहूं की मात्रा चमकविहीन है, इसके साथ ही सर्वेयर एप और ई-उपार्जन साफ्टवेयर में संबंधित सर्वेयर द्वारा किसान के डाटा में चमकविहीन गेहूं के प्रतिशत की अनिवार्य रूप से आनलाइन प्रविष्टि कराये जाने के निर्देश है।
ये भी पढ़ें- मनीष सिसोदिया ने जेल से लिखी चिट्ठी, PM की शिक्षा पर सवाल, केजरीवाल पर हो चुका है जुर्माना
केन्द्रों पर चमविहीन गेहूं अलग रखा जायेगा
उपार्जन केन्द्रों में चमकविहीन गेहूं अलग रखे जायेंगे। उपार्जन केन्द्र पर चमकविहीन गेहूं के बोरों पर स्याही लाल कलर से मार्किंग की जायेगी। उपार्जन संस्थाओं से मिले गेहूं चमकविहीन के स्वीकृत प्रतिशत से अधिक चमकविहीन पाये जाने पर ऐसे ट्रकों को भंडारण के लिये स्वीकार नहीं किया जायेगा और संबंधित उपार्जन केन्द्र को वापस किया जाएगा।
MSP पर खरीद के लिए नियम ::
-
पंजीयन के दौरान किसानों को यह जानकारी देनी होगी कि कितने क्षेत्र में गेहूं की बोवनी की है और वह कब उपज किस केंद्र पर बेचना चाहेगा।
-
किसान भूमि अगर अन्य जिले में है तो उस जिले में पंजीयन कराया जाएगा।किसानों का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा।
-
दस्तावेजों में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा।गेहूं पंजीयन के लिए आधार नम्बर का वेरिफिकेशन लिंक मोबाइल नम्बर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमैट्रिक डिवाइस से किया जाएगा।
-
किसान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में जाकर पंजीयन करा सकते हैं। इसमें किसानोें को बोवनी के क्षेत्र की जानकारी देनी होगी, जिसका सत्यापन पटवारियों से कराया जाएगा।भुगतान आधार नंबर से जुड़े बैंक खाते में ही होगी ताकि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो।
-
किसानों को फसल बेचने के लिए SMS की अनिवार्यता: को समाप्त कर दिया गया है ।फसल बेचने के लिए किसान निर्धारित ई-पंजीयन पोर्टल के नजदीक के उपाजर्न केन्द्र, तिथि एवं समय के स्लाट का चयन कर गेहूं का विक्रय कर सकेंगे।
-
गेंहू देने के बाद उपार्जन प्रभारी और किसान के बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर खरीदी का बिल जारी होगा।
-
सत्यापन की व्यवस्था पंजीकृत मोबाइल में भेजे गए ओटीपी अथवा बायोमेट्रिक डिवाइस से की जाएगी।
-
गेंहू का उपार्जन सहकारी समितियों और स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा। इन्हें खरीदी केन्द्र पर अनाज के साफ-सफाई और ग्रेडिंग की व्यवस्था आउटसोर्सिंग के आधार पर करनी होगी। अनाज को साफ करने का खर्च किसानों द्वारा वहन किया जाएगा।