असम में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही बीजेपी में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रहा मंथन हिमंत बिस्वा सरमा के नाम पर समाप्त हो गया. दरअसल हिमंत बिस्वा और सर्बानंद सोनोवाल में से कौन राज्य की कमान संभालेगा इसे लेकर काफी मंथन हुआ. शनिवार को दोनों दिल्ली भी बुलाए गए. लेकिन आखिरी बाजी हिमंत बिस्वा सरमा के हाथों ही लगी और अब वो सोमवार को प्रदेश की कमान संभालने जा रहे हैं.

कौन हैं हिमंत बिस्वा सरमा ?

दरअसल, हिमंत बिस्वा सरमा असम में सर्वानंद सोनोवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे. वो असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं. जालुकबारी विधानसभा सीट असम के बागपत जिले में आती है. 2021 में बीजेपी के हिमंत बिस्वा शर्मा ने कांग्रेस के रामेन चंद्र बोरठाकुर को हराया है. हिमंत ने 1992 में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है जिसके बाद उन्होंने सरकारी लॉ कॉलेज से एलएलबी किया और गुवाहाटी कॉलेज से पीएचडी की उपाधि ली. उन्होंने साल 1996 से 2001 तक गुवाहाटी हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी की है.

दरअसल, हिमंत बीजेपी से पहले कांग्रेस में थे. साल 2015 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से मतभेद के बाद हाथ का साथ छोड़ कमल का दामन थाम लिया था. सूत्रों की माने तो पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के साथ उनके राजनीतिक मतभेदों के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. हाल में CAA विरोधी प्रदर्शन और कोरोना के हालात को संभालने में उनकी अहम भूमिका रही है. वहीं, लगातार दूसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के पीछे हिमंत बिस्वा सरमा की जबर्दस्त मेहनत बताई जाती है. कहा ये भी जाता है कि वो लोकप्रियकता के मामले में सर्बानंद सोनोवाल से किसी भी मायने में कम नहीं हैं. जिसको ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने हिमंत को ही असम की कमान सौंपे जाने का निर्णय लिया.

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