तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले का झूठा और भ्रामक वीडियो प्रसारित करने वाले यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। बेतिया पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने यह जानकारी दी। पटना और चंपारण पुलिस के साथ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की 6 टीमें बीते दिनों से लगातार आरोपी के ठिकानों पर दबिश दे रही थीं।

कई दिनों से चल रहा था फरार

देशभर में पिछले काफी दिनों से सुर्खियां बटोर रहे यूट्यूबर मनीष कश्यप ने आखिरकार सरेंडर कर दिया है। मनीष की तलाश पुलिस पिछले कई दिनों से कर रही थी। मनीष पर तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में कई मामले दर्ज हैं। बिहार पुलिस ने इस बारे में ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया “तमिलनाडु में कामकाजी बिहार के निवासियों के लिए असत्य, भ्रामक एवं उन्माद फ़ैलाने वाले वीडियो को प्रसारित करने एवं आर्थिक अपराध थाना कांड सं0 3/23 तथा 4/23 के अभियुक्त मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस एवं EOU के दबिश के कारण बेतिया के जगदीशपुर थाने में किया आत्मसमर्पण”।

कुर्की से डरकर किया सरेंडर

पुलिस के दर्जन भर पदाधिकारी शनिवार सुबह करीब पांच बजे मनीष कश्यप के मझौलिया थाना क्षेत्र के महानवा गांव में पहुंचे और कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी। चंपारण रेंज के डीआईजी जयंत कांत, एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा की मौजूदगी में पुलिस ने मनीष कश्यप के घर के एक-एक सामान को जब्त कर लिया।

पुलिस ने घर के दरवाजे और खिड़कियां भी उखाड़ ली। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ लगी रही। ट्रैक्टर पर लोड कर सामान को मझौलिया थाना में लाया गया है। इधर, कुर्की की जानकारी होने पर मनीष कश्यप ने जगदीशपुर ओपी में सरेंडर कर दिया है।

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि बिहारी श्रमिकों के साथ कथित हिंसा की पुलिस जांच कर रही थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए पटना के जक्कनपुर थाना अंतर्गत बंगाली कालोनी के किराए के मकान में फर्जी वीडियो शूट किया गया था।

इस वीडियो में अनिल कुमार और आदित्य कुमार मरहम-पट्टी लगाकर नकली मजदूर बने थे। वीडियो को राकेश रंजन ने छह मार्च को यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था, जिसे आठ मार्च को यूट्यूबर मनीष कश्यप ने ट्वीट कर प्रसारित कर दिया था।

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