चुनाव आयोग की विश्वसनियता पर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। देश के सर्वोच्च नयायालय की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्रीए नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश की समिति द्वारा की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष मौजूद नहीं हैं, तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति संबंधी समिति में लिया जाएगा।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि CBI चीफ के तर्ज पर ही CEC की नियुक्ति होनी चाहिए। यानी पहले प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और CJI किसी नाम की सिफारिश करें। इस पर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद CEC की नियुक्ति हो। पीठ ने चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी प्रणाली की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया।

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