मध्यप्रदेश को आज पीएम नरेंद्र मोदी बड़ी सौगात देने जा रहे हैं , दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की 100वीं जंयती पर आज पीएम मोदी केन-बेतवा लिंक परियोजना भूमिपूजन करेंगे, इस सौगात और परियोजना से 10 जिलों और 1900 गांवों की तस्वीर बदल जाएगी।
दरअसल मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की सरकार और केन्द्र सरकार की मोदी सरकार के संयुक्त प्रयास से बुंदेलखंड की जमीन सोना उगलने वाली है, केन-बेतवा राष्ट्रीय लिंक परियोजना अब धरातल पर उतरागी, जिससे बुंदेलखंड की न सिर्फ प्यास बुझेगी बल्कि प्रदेशवासियों और वहां के किसानों की किस्मत भी चमक जाएगी, इस परियोजना के तहत छतरपुर, पन्ना, दमोह, निवाड़ी, रायसेन, विदिशा, टीकमगढ़, शिवपुरी, सागर, दतिया जिले के 1900 से ज्यादा गांवों को इसका लाभ मिलेगा।
इस परियोजना के तहत 41 लाख आबादी को जल समस्या से निजात मिलेगी, इस परियोजना से 103 मेगावॉट की सोलर बिजली का उत्पादन होगा, साथ ही प्रदेश की एमपी में 7 बांध बनाए जाएंगे।
दरअसल केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 22 दिसंबर 2021 में योजना के लिए 44 हजार 605 करोड का बजट स्वीकृत किया गया था, इस परियोजना पर सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बताया कि बेतवा- लिंक परियोजना का 80-90 हजार करोड़ का बजट होगा, जिससे आगामी समय में बुंदेलखंड का पलायन भी रुकेगा।
इस परियोजना से क्या-क्या होगा ?
- केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत 221 किलोमीटर नहर बनाई जाएगी
- इस परियोजना में 2 किलोमीटर की भी सुंरग होगी
- साथ ही पावर प्लांट का निर्माण किया जाएगा
- छतरपुर में 3 लाख 11 हजार 151 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी
परियोजना से कितना फायदा ?
- दरअसल इस परियोजना से सूखे पड़े 4 हजार तालाबों में भी पानी आएगा
- परियोजना के तहत पहले चरण में ढोढन बांध बनेगा
- यहां से भरने वाला पानी सीधा नहर के माध्यम से बेतवा नदी में जाएगा
- दूसरे चरण में बेतवा नदी पर चार बांध बनाएं जाएंगे
- सागर के बीना में बेतवा की सहायक नदी और शिवपुरी जिले में उर नदी पर बांधों का निर्माण होगा
- दोनों चरण में 7 बांध बनाए जाएंगे
दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री (PM) अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि नदियों को जोड़ने से देश की जल समस्या खत्म हो सकती है, जिनके सपने को धरातल में उतारने के लिए मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने इसकी पहल की, मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने भी इस परियोजने के लिए लगातार प्रयास किया और अब इतनी बड़ी परियोजना धरातल में उतरने जा रही है।