परिसीमन आयोग का फैसला
राज्य में 7 सीटें बढ़ाने की घोषणा
मार्च 2022 तक खत्म होगी प्रक्रिया
PoK के लिए अतिरिक्त 24 सीटों की मांग
PDP परिसीमन के खिलाफ

जम्मू कश्मीर को लेकर सियासी गलियारों में खूब सियासत हो रही है, हालांकि परसीमन आयोग इन दिनों कश्मीर दौरे पर है, इस दौरे पर परिसीमन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है, अब प्रदेश में विधानसभा की 7 सीटें बढ़ाई जाएंगी, परिसीमन आयोग ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया अगले साल 2022 में मार्च तक पूरी कर ली जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें होंगी, उन्होंने कहा कि हमें अनुसूचित जाति के लिए भी सीटें रिजर्व करनी हैं, ऐसा पहली बार होगा।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी 24 सीटें खाली हैं, परिसीमन आयोग ने कहा कि अभी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है, बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने 24 सीटों को भी अनफ्रीज करने की मांग की थी।

चुनाव आयोग चंद्रा ने बताया कि 1995 में यहां 12 जिले थे, जिनकी संख्या अब 20 हो गई है, तहसीलें 58 से बढ़कर 270 हो गई हैं, 12 जिलों में विधानसभाओं का दायरा जिलों के दायरों से भी बाहर हो गया है, उन्होंने कहा कि विधानसभाओं में जिलें और तहसीलें एक-दूसरे से मिल रही हैं, ऐसी खामियों से लोगों को परेशानी हुई है।
साथ ही चंद्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का पुराना इतिहास रहा है, 1951 में यहां 100 सीटें थीं। इनमें से 25 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थीं, पहला फुल फ्लैश्ड डीलिमिटेशन कमीशन 1981 में बनाया गया, जिसने 14 साल बाद 1995 में अपनी रिकमंडेशन भेजीं, यह 1981 की जनगणना के आधार पर थी, जिसके बाद कोई भी परिसीमन नहीं हुआ।

2020 में परिसीमन आयोग को 2011 की जनगणना के आधार पर डीलिमिटेशन प्रोसेस पूरी करने के लिए निर्देश दिए गए, परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में 7 और सीटें बढ़ जाएंगी ।

चंद्रा ने कहा इस परिसीमन का जो ड्राफ्ट बनेगा उसे जनता के बीच रखा जाएगा, फिर जनता के जो सुझाव आएंगे, उसे शामिल कर फाइनल ड्राफ्ट सामने आएगा।

बता दें कि परिसीमन आयोग 6 जुलाई को जम्मू पहुंचा,
इसके बाद आयोग के सदस्यों ने अनंतनाग के पहलगाम का दौरा किया था, दक्षिण कश्मीर क्षेत्र के राजनेताओं से बातचीत की। इस दौरान राजनेताओं ने अपने-अपने दलों के विचारों को दोहराया, बाद में आयोग के सदस्यों ने श्रीनगर में चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक की, जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग ने तीन दिनों के भीतर 290 से अधिक राजनीतिक दलों से मुलाकात की।

हालांकि PDP ने आयोग से चर्चा नहीं करने का फैसला लिया, दोनों पार्टियों का कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाए।

अनुच्छेद 370 निरस्त होने से पहले राज्य में कुल 87 सीटें थी, इनमें जम्मू में 37, कश्मीर में 46 और लद्दाख में 4 सीटें थीं, ऐसे में यदि 7 सीटें जम्मू के खाते में जाती हैं तो 90 सदस्यीय विधानसभा में जम्मू में 44 और कश्मीर में 46 सीटें हो सकती हैं।

परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में 4 दिन में करीब 800 लोगों मुलाकात की, इसके आधार पर ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।

हालांकि इस प्रक्रिया के बीच परिसीमन आयोग को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा , वहीं देश की जनता की निगाहें जम्मू कश्मीर की विधानसभा सीटों पर है, हालांकि अब चुनाव आयोग और परिसीमन आयोग को अब और किन परिस्थितियों में गुजरना पड़ेगा ये देखने वाली बात होगी।

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