विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में लगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के लिए 23 जून का दिन अहम होने जा रहा है। पटना (Patna) में नीतीश कुमार के आवास पर विपक्ष दलों के बड़े नेता जुटेंगे और 2024 में (Lok Sabha Chunav 2024 ) बीजेपी को हराने के लिए रणनीति बनेगी।
नीतीश कुमार को इस बैठक से बड़ी उम्मीद है, क्योंकि वो कह चुके हैं कि यदि सभी दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा तो भाजपा को 100 सीटें भी नहीं मिलेंगी। पूरे देश की नजर इस पर टिकी है कि बैठक में कौन-कौन से बड़े नेता शामिल होंगे और क्या सभी मिलकर चुनाव लड़ने पर सहमत होंगे?
जयंत चौधरी ने जताई असमर्थता
विपक्षी दलों की बैठक में रालोद प्रमुख जयंत चौधरी हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखते हुए अपने पूर्व में निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से इस बैठक में शामिल होने में असमर्थता जाहिर की है। कहा जा रहा है कि यूपी में अखिलेश यादव से अनबन के कारण जयंत बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं।
मायावती का तंज
नीतीश कुमार की बैठक पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक उन्माद/हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात से स्पष्ट है कि परमपूज्य बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों के पास नहीं, बल्कि अब लोकसभा आम चुनाव के पूर्व विपक्षी पार्टियाँ जिन मुद्दों को मिलकर उठा रही हैं और ऐसे में नीतीश कुमार द्वारा कल 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना बैठक ’दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है। वैसे अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखकर इस प्रकार के प्रयास से पहले अगर ये पार्टियाँ, जनता में उनके प्रति आम विश्वास जगाने की गरज से, अपने गिरेबान में झांककर अपनी नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेतीं तो बेहतर होता। ’मुंह में राम बग़ल में छुरी’ आख़िर कब तक चलेगा”?
PMमोदी के सामने कोई विकल्प नहीं मांझी
विपक्षी की बड़ी बैठक के बीच बिहार के पूर्व सीएम और कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा, अभी विपक्षी एकता संभव नहीं है, क्योंकि पीएम मोदी के सामने कोई विकल्प नहीं है। नरेंद्र मोदी जैसे नेता आज कोई दूसरा नहीं है।