देश के तमाम बड़े शहरों में अपने भूमि, भूमिगत और पुलों पर चलती हुई मेट्रो ट्रेन जरूर देखी होगी और सवारी भी की होगी। लेकिन अब एक नए किस्म की मेट्रो देश में चलने जा रही है। इसे वॉटर मेट्रो का नाम दिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी देश की इस पहली वॉटर मेट्रो को 25 अप्रैल को केरल के कोच्चि में हरी झंडी दिखाएंगे।
अनोखे सफर का अनुभव देगी वॉटर मेट्रो
जैसा कि नाम से ही समझा जा सकता है, वॉटर मेट्रो का मतलब है तेजी से चलने वाली नाव जैसी सवारी। जो लोगों को नदियों और बैकवॉटर्स से होकर एक से दूसरी जगह ले जा सके। कोच्चि में पीएम मोदी जिस वॉटर मेट्रो को हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं, उनकी ये तस्वीर आपको जरूर लुभाएगी। इस वॉटर मेट्रो से भी लोगों का एक से दूसरी जगह आना-जाना सुगम हो जाएगा।
कम समय और कम खर्च में सफर
ये वॉटर मेट्रो तेजी से कोच्चि में अलग-अलग इलाकों को जोड़ेगी। लोगों को कम समय में एक से दूसरी जगह जाने में वॉटर मेट्रो अपनी भूमिका निभाएगी। इसके जरिए लोग कम समय और कम पैसा खर्च कर कोच्चि में सफर कर सकेंगे।
मेट्रो लाइट, मेट्रो नियो और RRTS की भी योजना
वॉटर मेट्रो के अलावा मोदी सरकार का इरादा मेट्रो लाइट, मेट्रो नियो और रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) से भी लोगों को आवागमन की सुविधा देने का है। मेट्रो लाइट को घने इलाकों वाले टायर-2 और छोटे शहरों में लाया जाएगा। इससे पीक आवर्स में 15000 लोग सफर कर सकते हैं। गोरखपुर, श्रीनगर और जम्मू में मेट्रो लाइट लाने की योजना है।
मेट्रो नियो को महाराष्ट्र के नासिक में चलाने की योजना तैयार की जा रही है। इस मेट्रो में बिजली से चलने वाले कोच होते हैं, लेकिन इनके पहिए रबड़ के होते हैं। ये सिस्टम पीक आवर्स में 8000 लोगों को आवागमन की सुविधा दे सकता है। RRTS से फिलहाल दिल्ली को मेरठ से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत तेज रफ्तार ट्रेन दोनों शहरों के बीच 45 मिनट में लोगों को पहुंचा देगी। बाद में कुछ और शहरों के बीच भी RRTS शुरू करने की मोदी सरकार की योजना है।