मध्य प्रदेश में चीतों की मौत को लेकर लगातार चर्चा में आ रहे कूनो नेशनल पार्क में अजीब घटना सामने आई है। दरअसल, कूनो नेशनल पार्क की टीम पर ग्रामीणों ने डकैत समझकर हमला कर दिया। इस दौरान कुछ वनकर्मी घायल हो गए और उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए। मामले को लेकर ग्रामीणों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है।
‘आशा’ को खोजने निकली थी टीम
जानकारी के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क की मादा चीता “आशा” बार बार नेशनल पार्क से बाहर निकल जाती है, लेकिन इसके गले में लगी ट्रैकिंग डिवाइस (जीपीएस) की मदद से कूनो नेशनल पार्क की टीम इसे वापस नेशनल पार्क की सीमा में ले आती है।
एक बार फिर बीती रात करीब 12 बजे मादा चीता आशा कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर शिवपुरी की तरफ निकल गई, ट्रैकिंग डिवाइस से उसे ट्रेक कर रही नेशनल पार्क की टीम उसे जंगल में तलाश कर रही थी। इसी दौरान वन विभाग की टीम शिवपुरी जिले के पोहरी थाने के गाँव बूराखेड़ा से गुजरी तो ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया।
ग्रामीणों ने हवाई फायर भी किये
ग्रामीणों ने वन कर्मचारियों को लाठियों से पीटा, और पत्थर मारकर उनके सरकारी वाहन में तोड़फोड़ कर दी। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने हवाई फायर भी किये। वन कर्मियों ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई और अपने अधिकारियों को सूचना देकर पोहरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। वनकर्मियों की शिकायत पर पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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‘डकैत समझकर किया गया हमला’
उधर ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की टीम के सदस्यों ने इस गांव के आसपास तीन चार चक्कर लगाये, ग्रामीणों को शक हुआ कि कहीं डकैत या कोई मवेशी चोर तो नहीं हैं? क्योंकि पिछले दिनों यहां मवेशी चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। यही समझते हुए ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया।