बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के मुखिया लालू यादव के परिवार को दिल्ली की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है. जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से राहत मिल गयी है. कोर्ट ने सभी को जमानत दे दी है. कोर्ट ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर बेल दी है. कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने गिरफ्तारी के बिना चार्टशीट दायर की है. सीबीआई ने भी लालू यादव सहित 16 आरोपियों को जमानत देने का विरोध नहीं किया. अब अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी.

CBI की चार्जशीट पर जारी हुआ था समन

दरअसल, आईआरसीटीसी घोटाला मामले में सीबीआई ने बीते अक्टूबर 2022 को चार्जशीट दाखिल की थी. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लालू, राबड़ी, मीसा सहित कुल 16 आरोपियों को पेश होने के लिए समन जारी किया था. आरोप है कि लालू प्रसाद यादव पर 2004 से 2009 तक रेलमंत्री रहते हुए 12 लोगों को ग्रुप डी में रेलवे के विभिन्न जोन में नौकरी दी थी. इस नौकरी के बदले लालू प्रसाद यादव ने इनसे जमीन ली थी.

ED और CBI दोनों कर रही मामले की जांच

बता दें कि जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई की टीम लालू और उनके करीबियों के घर छापेमारी की थी. सीबीआई के अधिकारी राजद प्रमुख और उनके परिवार वालों से लगातार पूछताछ कर रहे हैं. सीबीआई की टीम ने लालू प्रसाद यादव से दिल्ली में पूछताछ की थी. वहीं बिहार में राबड़ी देवी के आवास भी सीबीआई टीम पूछताछ करने गयी थी. ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है. ईडी ने लालू प्रसाद यादव, उनके करीबियों और अन्य आरोपियों के घर पर छापेमारी की थी. ईडी ने दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पटना और रांची में कई ठिकानों पर भी रेड मारी थी.

तीन बार नोटिस के बाद भी पेश नहीं हुए तेजस्वी

बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को तीन बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन तीसरी बार भी सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए. तेजस्वी को सीबीआई ने 4 फरवरी को भी समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन वो सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए थे. जिसके बाद एक बार फिर 11 मार्च को सीबीआई ने तेजस्वी को समन भेजकर तलब किया था. लेकिन तेजस्वी यादव पत्नी के अस्पताल में भर्ती होने का हवाला देकर सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए थे. इसके बाद तेजस्वी को 14 मार्च को पूछताछ के लिए समन जारी किया था. लेकिन तेजस्वी तीसरी बार भी पेश नहीं हुए.

लालू यादव के परिवार पर क्या है आरोप?

सीबीआई का आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. इस दौरान लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री करायी गयी और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकायी गयी. उधर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई, उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गयी. आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी गयी.

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