बिहार के उप मुख्यमंत्री आज CBI के समक्ष पेश नहीं हो सके। सूत्रों की माने तो तेजस्वी अपनी पत्नी के स्वास्थ्य के कारण CBI के सामने पेश नहीं होंगे। शुक्रवार को ED के छापे के बाद उनकी पत्नी राजश्री यादव की तबीयत बिगड़ी गई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दरअसल, बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार नौकरी के बदले जमीन मामले में जांच के घेरे में है। इसी सिलसिले में अब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को CBI ने पूछताछ के लिए बुलाया था। CBI का यह समन लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से पूछताछ के कुछ दिनों बाद आया है। इस मामले में लालू यादव की बेटियों मीसा और हेमा के नाम भी शामिल हैं। लालू परिवार पर आरोप है कि लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नौकरियों के बदले जमीन खरीदी गई थी। इस मामले में लालू के पूर्व OSD भोला यादव को सीबीआई पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

तेजस्वी को पहले भी जारी हुआ था समन

इससे पहले 4 फरवरी को तेजस्वी यादव को CBI ने इस मामले में समन जारी किया था। हालांकि, तब वह CBI के सामने पेश नहीं हुए, जिसके बाद शनिवार को नई तारीख दी गई। सूत्रों की मानें तो शनिवार 11 मार्च को CBI ने रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में पूछताछ के लिए दूसरी बार पेश होने के लिए बुलाया है।

ED भी कर रही है मामले की जांच

मामले की जांच CBI के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है। 7 मार्च को CBI ने बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी से पटना में चार घंटे तक पूछताछ की थी। फिर 9 मार्च को दिल्ली में लालू यादव से सीबीआई ने पांच घंटे तक पूछताछ की। यह सिलसिला रुका नहीं।शुक्रवार को ईडी की छापेमारी के दौरान तेजस्वी यादव दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कालोनी स्थित अपने मकान पर मौजूद थे। ED का दावा है कि लैंड फॉर जॉब स्कैम केस में उनके खिलाफ सबूत और दस्तावेज मिले हैं।

देश भर में 24 ठिकानों पर छापेमारी

10 मार्च की छापेमारी के दौरान लालू यादव की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव, पटना, फुलवारीशरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई कुल 24 ठिकानों पर एक साथ छापामारी के लिए पहुंची। इसमें रागिणी यादव, चंदा यादव, हेमा यादव, नवदीप सरदाना, प्रवीण जैन और सैयद अबु दोजाना की कंपनी समेत कई प्रतिष्ठान शामिल हैं। सूत्रों की माने तो छापेमारी में ईडी ने 53 लाख नकद, 1,900 डालर, 540 ग्राम सोने के बिस्किट, 1.5 किलो सोने के गहने और अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है। ये कार्रवाई सुबह से शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। हलांकि ED ने अपनी ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया है।

विपक्ष के निशाने पर है मोदी सरकार

बता दें कि ये छापे ऐसे समय में आए हैं जब विपक्षी दलों ने केंद्र पर अपना राजनीतिक हित साधने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। आठ विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बीजेपी के राजनीतिक उद्देश्यों के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। हस्ताक्षर करने वालों में तेजस्वी यादव भी थे। पत्र में लालू यादव को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा टारगेट करने का आरोप लगाया गया था। इसने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के कदमों से अक्सर संदेह पैदा होता है कि वे सत्ताधारी व्यवस्था के विस्तारित हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं। वहीं, आरजेडी ने इसे बीजेपी और मोदी सरकार की राजनीतिक हताशा करार दिया है। आरजेडी ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार जब सारे विपक्षी दलों को एक करने में जुटे हैं तो उनका मनोबल तोड़ने के लिए सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

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