देवास एक प्रमुख दर्शनिक स्थल है-
प्रदेश में देवास मुख्य दार्शनिक स्थल हैं, यहां के मुख्य शहर के बीचों-बीच एक ऊंची पहाड़ी है, जहां मां चामुंडा और तुलजा भवानी का दर्शनिक स्थल हैं, यह देवास जिले का प्रसिद्ध स्थल है, मां तुलजा भवानी को बड़ी माता और मां चामुंडा को छोटी माता भी कहा जाता है, छोटी माता के पास एक छोटा सा कुंड भी है, माना जाता है कि इस कुंड में मां चामुंडा स्नान करती हैं।
सुंदर पेड़-पौधों से घिरी है पहाड़ी-
इसे देवास टेकरी के नाम से भी जाना जाता है, ये पहाड़ी चारों तरफ से पेड़-पौधों से घिरी हुई है।
दो मार्गों से जा सकते हैं मंदिर-
आप इस पहाड़ी मंदिर में दर्शन के लिए सीढ़ियों और रोपवे से जा सकते हैं, यहां 2 साल पहले रोपवे की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब हो गई है, सीढ़ियों से जाने पर इसका अद्भुत और सुंदर नजारा देखने को मिलता हैं, क्योंकिं पूरा देवास शहर इस पहाड़ी से दिखाई देता है, यहां बारिश के वक्त और सुंदरता दिखाई देती है।
यह मंदिर भोपाल इंदौर और उज्जैन सड़क मार्ग से लगा हुआ है, पहाड़ी के नीचे पास में शहर का बस स्टैंड हैं, वहीं एक किलीमीटर की दूरी पर रेलवे स्टेशन भी है, जिससे श्रद्धालुओं को आवाजाहीं में परेशानी नहीं होती।
पहाड़ी में कुछ अन्य मंदिर भी हैं-
इस पहाड़ी में ही दर्शन के लिए कुछ और भी मंदिर हैं जैसे हनुमान मंदिर, खोखो माता मंदिर, भैरव बाबा का मंदिर भी है, वहीं बड़ी मां तुलजा भवानी मंदिर के पास जैन मंदिर भी हैं जो बहुत सुंदर है, यहां दूर-दराज से आकर लोग कुछ समय व्यतीत करते हैं।
नवरात्रि में रहती है ज्यादा भीड़-
नवरात्रि के दिनों भक्त दूर-दर से यहां मां के दर्शन करने आते हैं, इस मौके भारी भीड़ होती है, सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होते हैं।
इंदौर-उज्जैन के बीच में है देवास शहर-
वहीं देवास से इंदौर और उज्जैन 30 से 35 किलोमीटर के करीब दूरी पर है, भारी संख्या में लोग मन्नत मांगने मंदिर पहुंचते हैं, माना जाता है कि मन्नत मांगने से भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं।
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