गर्म होती पृथ्वी और बिगड़ते पर्यावरण की रक्षा के लिये दुनिया के सारे देश प्रयास कर रहे है, इसी कड़ी में महासमुंद जिले में पहली बार एक अनोखा प्रयास किया जा रहा है, एक बेहद गर्म कसेकेरा गांव के तापमान को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, गांव की पहाड़ी को चटाई विधि से ठण्डा रखने.. और पत्थरों पर प्राकृतिक हरियाली के साथ पेड़-पौधे लगाने का सैकड़ों ग्रामीण अनोखा प्रयास कर रहे हैं, विशेषज्ञ भी मानते है कि ग्रामीणो का ये प्रयास प्रेरणादायी और सफल साबित होगा, लगभग 100 एकड़ में फैले पहाड़ी के नीचे ही कसेकेरा गांव बसा हुआ है, गर्मी के दिनो मे पहाड़ी के अधिक गर्म होने के चलते ग्राम कसेकेरा भट्ठे के सामान गरम हो जाता है, जिसके चलते पहाड़ी पर रहने वाले भालू , बंदर , तेंदुआ आदि वन्य प्राणी गांव के अंदर आने लगते है …गाँव के तापमान को नियंत्रित करने के साथ ही हरियाली और पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाने के लिए कसेकेरा के एक शिक्षक के नेतृत्व मे चटाई विधि का प्रयोग किया जा रहा है, इसमे जूट के पुराने बारदानें चट्टानों पर बिछाकर उसमे कछारी मिट्टी और बदराधान डालने के बाद पानी का छिडकाव कर रहे है, जिससे सारे पदार्थ चट्टान पर चिपक जाएगा और बरसात मे घास और पौधे उगेंगे, पहले चरण मे सामूहिक सहयोग से 60 टन कछारी मिट्टी और 500 नग जूट बारदाने का उपयोग किया गया, वैज्ञानिक तकनीक वाले चटाई विधि के प्रयोग के लिए ग्रामीणों को उत्साहित करने वाले शिक्षक है।

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