मध्य प्रदेश में साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए नेताओं द्वारा एक से बढ़कर एक दावे किये जा रहे हैं। इसी बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि धार्मिक, सामाजिक और लोकमहत्व के आयोजनों में किसी भी संभावित हादसे को रोकने के लिए कांग्रेस कानून लाएगी। उन्होंने कहा कि सेफ्टी ऑडिट और कम्युनिटी इमरजेंसी रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा साथ ही आम लोगों की राय भी ली जाएगी और उस आधार पर वर्गीकरण होगा।
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इंदौर का हादसा पहला हादसा नही है- कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीते दिनों इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हृदय विदारक दुर्घटना में 36 श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह पहला अवसर नहीं है जब किसी धार्मिक या सार्वजनिक आयोजनों में इस प्रकार की दुखद घटना हुई हो। इसके पहले भी मध्य प्रदेश मेंह 13 अक्टूबर 2013 को रतनगढ़ माता मंदिर में मची भगदड़ से 117 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। ज्योंतिर्लिंग ओंकारेश्वर पुल पर भगदड़ में 20 मौतें हुई और हाल ही में रुद्धाक्ष महोत्सव में सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ से से अव्यवस्थाएं उत्पन्न हुईं।
‘आयोजनों का सेफ्टी ऑडिट होगा अनिवार्य’
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम इस बात की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में बनने पर हम समूचे प्रदेश में धार्मिक, सामाजिक और लोकमहत्व के जितने भी कार्यक्रम होंगे, उनको वर्गीकृत करके आयोजन के पूर्व उनका सेफ़्टी ऑडिट अनिवार्य करेंगे, ताकि ऐसे आयोजन व्यापक रूप से पूरे उत्साह से मनाये जा सकें और किसी तरह की दुर्घटना की आशंका न रहे।
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आयोजनों के हिसाब से होगा ऑडिट- कमलनाथ
कमलनाथ ने बताया कि इन आयोजनों को आमजनों की सहभागिता के आधार पर वर्गीकृत किया जायेगा। एक हजार से पांच हजार, पांच हजार से पचास हजार, पचास हजार से एक लाख और एक लाख से अधिक लोगाें के किसी आयोजन में शामिल होने के पूर्व उस स्थल का व्यापक रूप से कानून के तहत सेफ़्टी और सिक्योरिटी ऑडिट किया जायेगा।