पहले ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी के मामले में सजा और फिर लोकसभा की सदस्यता गवाने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए राहुल गांधी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके निशाने पर फिर मोदी ही थे. उन्होंने गौतम अडानी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मैंने कई बार बोला है कि हिन्दुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है. इसके हमें रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं.
‘पैनिक रिएक्शन’ में रद्द की गई सदस्यता- राहुल
प्रेस काॅफ्रेंस में सदस्यता रद्द किए जाने को राहुल ने ‘पैनिक रिएक्शन‘ करार दिया है. उन्होंने कहा कि मेरे सवालों से घबराकर, प्रधानमंत्री को बचाने के लिए पैनिक रिएक्शन में मेरी सदस्यता तुरंत रद्द की गई है.
‘अडानी जी कंपनियों में किसका पैसा’?
राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि “अडानी जी की कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपया किस ने इन्वेस्ट किया है? ये अडानी जी का पैसा नहीं है. पैसा किसी और का है. सवाल ये है कि ये किसके हैं”?
‘रिश्ता नया नहीं, रिश्ता पुराना है’
राहुल गांधी ने कहा “मैने संसद में सूबत के साथ अडानी जी और मोदी जी के रिश्ते के बारे में डिटेल से बोला. रिश्ता नया नहीं है, रिश्ता पुराना है. जब नरेंद्र मोदी जी गुजरात के सीएम बने थे तब से रिश्ता है”.
मुझे डर नहीं लगता- राहुल
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि, “मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा. इन लोगों से मुझे डर नहीं लगता. अगर इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मुझे बंद कर सकते हैं तो गलत हैं. मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा”.
‘गांधी किसी से माफी नहीं मांगता’
माफी मांगने के बारे में पूछे गये सवाल पर राहुल ने कहा कि “मेरा, नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है. गांधी किसी से माफी नहीं मांगता”
‘मोदी सरनेम’ पर की थी विवादित टिप्पणी
लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी थी. राहुल गांधी को गुजरात की कोर्ट ने 2019 के दी ‘मोदी सरनेम’ मानहानि केस में दोषी करार दिया था और दो साल कैद की सजा सुनाई, जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने यह फैसला लिया है. अगर राहुल के सामने विकल्पों की बात करें तो, दोषसिद्धि के फैसले को चुनौती देने के लिए उन्हें पहले सूरत सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा. अगर यहां या फिर किसी हायर कोर्ट द्वारा फैसला रद्द नहीं किया जाता है या उनके दोषसिद्धि पर स्टे नहीं लगता है तो राहुल गांधी की सदस्यता बहाल नहीं हो सकेगी.
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