कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस देश में कहर बरपा रहा है. वहीं इस बीमारी को लेकर तमाम अटकलें भी लगाई जाने लगी हैं. इन सबके बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ब्लैक फंगस संक्रामक बीमारी नहीं है. इम्यूनिटी की कमी ही ब्लैक फंगस का कारण है. ये साइनस, राइनो ऑर्बिटल और ब्रेन में असर करता है. ये छोटी आंत में भी देखा गया है. इसलिए अलग.अलग रंगों से इसे पहचान देना गलत है. AIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एक ही फंगस को अलग-अलग रंगों के नाम से अलग पहचान देने का कोई अर्थ नहीं है. ये संक्रमण यानी छुआछूत कोरोना की तरह नहीं फैलता है. उन्होंने कहा कि साफ.सफाई का ध्यान रखें और उबला पानी पिएं. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि नाक के अंदर दर्द, परेशानी, गले में दर्द, चेहरे पर संवेदना कम हो जाना और पेट में दर्द होना इसके लक्षण हैं, इसलिए रंग के बजाय लक्षणों पर ध्यान दें. इलाज जल्दी हो तो फायदा और बचाव जल्दी और निश्चित हो जाता है.

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