देश के पूरे उत्तर भू-भाग में हो रही बारिश के बीच अब बंगाल की खाड़ी में चक्रवात उठने की आशंका पैदा हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो अगले सप्ताह के अंत तक चक्रवात में बदल सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण-पूर्व ‘बंगाल की खाड़ी’ में चक्रवात के शुरुआती संकेतों का पता लगा है। इस बाबत उसने मछुआरों तथा नाव चलाने वाले समुदाय को इस क्षेत्र में न जाने की चेतावनी दी है।

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चक्रवात का नाम ‘मोचा’

IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि 09 मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बनने का अनुमान है। प्रेस को ब्रीफ करते हुए महापात्रा ने कहा कि अगले दिन उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने के अनुमान के साथ छह मई को चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बन सकती है। चक्रवात का नाम ‘मोचा’ रखा जायेगा। यमन ने लाल सागर तट पर अपने एक बंदरगाह शहर ‘मोचा’ के नाम पर चक्रवात के इस नाम को सुझाया है।

मछुआरों और नौ परिवहन के लिए पूर्वानुमान जारी

IMD के DG ने कहा कि चक्रवात के बंगाल की मध्य खाड़ी की ओर बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र बनने से पहले ही पूर्वानुमान जारी कर रहे हैं ताकि मछुआरे और नौ-परिवहन से जुड़े लोग इसी के अनुसार अपनी योजना बना सकें।’’

40-50 किमी/घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान

IMD ने मछुआरों से दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने का आग्रह किया क्योंकि इस क्षेत्र में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। महापात्रा ने कहा, ‘‘कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद हम चक्रवात मार्ग के बारे में ब्योरा जारी करेंगे।’’ अप्रैल, मई और जून हिंद महासागर क्षेत्र के लिए चक्रवात का मौसम है और मई में चक्रवातों की अधिकतम आवृत्ति देखी जाती है। अन्य चक्रवाती मौसम अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर है।

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