कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सूरत की अदालत से उनके खिलाफ सजा का ऐलान के बाद अब बिहार की राजधानी पटना की एक अदालत ने उनको 25 अप्रैल को अपने सामने पेश होने का हुक्म दिया है। मोदी सरनेम को लेकर उनके कथित तौर पर जानबूझकर दिए गये अपमानजनक बयान के खिलाफ दायर मानहानि केस में उन्हें समन जारी किया गया है। मानहानि का मामला MP-MLA कोर्ट में BJP के राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की ओर से दायर किया गया था।

25 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने का आदेश

विशेष जूडिशियल मजिस्ट्रेट आदि देव की एमपी एमलए कोर्ट ने पिछले महीने की 18 तारीख को राहुल गांधी को निर्देश दिया था कि वे 12 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर हों। बहरहाल, बुधवार को सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने दूसरी तारीख की मांग की। उनका कहना था कि पूरी टीम सूरत केस में व्यस्त है, जिसमें गांधी को दो साल की जेल की सजा हुई है और लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया गया है। इस पर जज ने उनके वकील से कहा कि अगली तारीख 25 अप्रैल को वह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में जरूर पेश हों।

राहुल गांधी का बयान दर्ज होना बाकी

अभियोजन पक्ष की वकील प्रिया गुप्ता ने रिपोर्टरों को बताया कि शिकायती पक्ष की ओर से बयानों को कोर्ट में रिकॉर्ड किया जा चुका है और सभी सबूतों को कोर्ट में पेश किया जा चुका है और अब केवल राहुल गांधी के बयान को रिकॉर्ड किया जाना है। हाल ही में सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को जानबूझकर टिप्पणी करने का दोषी ठहराया था और बाद में वह लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिये गये।

अदालत से बेल बॉन्ड रद्द करने की मांग

वहीं, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी के अधिवक्ता एस.डी. संजय और प्रिया गुप्ता ने राहुल गांधी का बेल बॉन्ड रद कर गैर जमानती वारंट जारी करने का आग्रह अदालत से किया। दोनों ओर से बहस सुनने के बाद अदालत ने राहुल गांधी की उपस्थिति के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है।

क्या है सुशील मोदी से जुड़ा मानहानि का मामला?

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान 19 अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार नामक स्थान पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘मोदी सरनेम वाले सभी मोदी चोर हैं।‌’

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