केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने बुधवार को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत (British Government) द्वारा भारत को हस्तांतरित की गई सत्ता के प्रतीक ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ (Sengol) को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा।
ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को ट्रांसफर की गई सत्ता के प्रतीक ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ (Sengol) को नए संसद भवन (New Parliament Building) में स्थापित किया जाएगा। सेंगेाल स्पीकर की सीट के पास रखा जाएगा। सेंगेाल अभी इलाहाबाद में एक म्यूजियम में है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Prime Minister Jawaharlal Nehru) ने अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ‘सेंगोल’ लिया था।
जानिए…
उस अल्पज्ञात ऐतिहासिक घटना को, जब वर्ष 1947 में 'सेंगोल' के जरिए हुई भारत को सत्ता हस्तांतरित।#SengolAtNewParliament pic.twitter.com/YNKsGImxvi
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पं. जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था ‘सेंगोल’
सेंगोल के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि सेंगोल अंग्रेजों से सत्ता मिलने का प्रतीक है। 14 अगस्त 1947 को पं. जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल (राजदंड) सौंपा गया था। तब लॉर्ड माउंट बेटेन (Louis Francis Mountbatten) ने पंडित नेहरू (Pandit Nehru) से सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया के बारे में पूछा, तो सी राजगोपालचारी ने सेंगोल की परंपरा के बारे में बताया था। इस तरह से सेंगोल की प्रक्रिया तय हुई थी। तब भी तमिलनाडु से पवित्र सेंगोल लाया गया था। इस बार भी सेंगोल तमिलनाडु से आएगा।
Sengol holds a great significance in India's history…watch when and how it meant a holy transfer of power from Britishers to the people of our country!
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जनता से छिपाई गई जानकारी- गृह मंत्री
बकौल अमित शाह, 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को सेंगोल के बारे में जानकारी नहीं है। सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक है। इतने साल तक यह जानकारी आम जनता से छिपाई गई।
PM ने जानकारी साझा करवाई- शाह
पीएम मोदी (PM Modi) को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने पड़ताल करवाई और देश के सामने पूरा विवरण रखने का फैसला किया गया। पवित्र सेंगोल तमिलनाडु से लाया जाएगा। उद्घाटन से समय प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा जाएगा और फिर इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास रखा जाएगा। सेंगोल के शीर्ष पर नंदी विराजमान हैं।
'आजादी के अमृत महोत्सव' के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री जी, 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
एक प्रकार से नया संसद भवन प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता का प्रमाण है, जो नए भारत के निर्माण में हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने… pic.twitter.com/aexOapcCT8
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60 हजार मजदूरों को सम्मान
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले 60,000 मजदूरों को सम्मानित भी करेंगे। इन्हीं श्रम योगियों के अथक प्रयास से रिकॉर्ड समय में भवन बनकर तैयार हुआ है। उन्होंने बताया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को करेंगे।
अपने विवेक के अनुसार निर्णय करें पार्टियां- शाह
अमित शाह ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए सभी राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजा गया है और वे अपने विवेक के अनुसार कदम उठाने को स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि परंपरा के रूप में देखा जाना चाहिए। वे राजनीति से ऊपर उठें और इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनें।