बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने राजनेता और प्रशासक के तौर पर सम्पूर्ण रूप से सरेंडर कर दिया है। पीके ने कहा कि दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने वाले लोग नंगे हो गए हैं।
नीतीश चाहते हैं, बस मै CM बना रहूं- PK
वैशाली के महुआ पहुंचे प्रशांत कुमार ने कहा, नीतीश कुमार की ये स्थिति हो गई है कि मैं मुख्यमंत्री बना रहूं, बाकी बिहार में जिसको जो करना है वो कर सकता है। नीतीश कुमार की ये स्थिति आनंद मोहन की रिहाई से नहीं हुई है, उससे पहले जब महागठबंधन की सरकार बनी थी उस समय से नीतीश कुमार इस तरह के फैसले ले रहे हैं।
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नीतीश कुमार जाति की राजनीति करते हैं- PK
पीके ने आगे कहा कि आनंद मोहन की रिहाई से एक बात ये स्पष्ट हो रही है कि नीतीश कुमार जाति की राजनीति करते हैं, जिनकी हत्या हुई वह दलित समाज के गरीब परिवार से थे। नीतीश कुमार जो दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने का दावा करते हैं, ये उस समाज के सामने बिलकुल नंगे हो गए हैं। जब आपको वोट का लाभ दिखता है तब आप गरीब, पिछड़ा और दलित सब को भूल जाते हैं। ये जो दलितों की राजनीति है वो सिर्फ अपने लाभ तक है, और ये अपने परिवार और वोट तक ही सीमित रह जाती है।
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‘दागदार छवि के मंत्री नीतीश के बगल में बैठते हैं’
राजनीतिक रणनीतिकार पीके ने कहा कि महागठबंधन के मंत्रीमंडल में 4 ऐसे मंत्री हैं जिनका नाम RJD की तरफ से 2015 में भी प्रस्तावित किया गया था, लेकिन उनकी दागदार छवि को देखते हुए मंत्रीमंडल में उन्हें शामिल नहीं किया गया था। वहीं 4 लोग आज मंत्रीमंडल में नीतीश कुमार के अगल-बगल में बैठे हुए हैं।
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