प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं. “वर्ल्ड टीबी समिट” शामिल हुए पीएम मोदी ने कहा कि “मेरे लिए ये बहुत खुशी के बात है कि ये आयोजन काशी में हो रही है. सौभाग्य से मैं काशी का सांसद भी हूं. काशी नगरी शाश्वत धरा है जो हजारों सालों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है”.
सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी निकलता है- PM
पीएम मोदी ने कहा कि काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी निकलता है. मुझे विश्वास है, TB जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ TB के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है. भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है.
2025 तक TB को खत्म करने का लक्ष्य- PM
मोदी ने कहा कि भारत अब साल 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. टीबी खत्म करने का ग्लोबल टार्गेट साल 2030 है लेकिन भारत वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. आज भारत में टीबी के मरीजों की संख्या कम हो रही है. कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर को टीबी मुक्त अवार्ड से सम्मानित किया गया है. मैं इस सफलता को प्राप्त करने वाले लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.
भारत में TB मरीजों को लोग गोद ले रहे हैं- PM
PM ने कहा कि विदेश से आए अतिथियों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में टीबी मरीजों को लोग गोद ले रहे हैं. इसे भारत में निक्षय मित्र कहा जाता है. मैं आपका आभारी हूं कि आज आपने काशी के पांच लोगों को गोद लिया. टीबी मरीजों के पोषण के लिए वर्ष 2018 में डीबीटी के लिए 2000 करोड़ उनके बैंक खाते में भेजे गए. इससे करीब 75 लाख मरीजों को लाभ पहुंचा है.