खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की ओर से असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को धमकी दी गई है। धमकी में उन्हें खालिस्तान और अमृतपाल के मामले में दखल न देने की चेतावनी दी गई है। बता दें कि अमृतपाल सिंह पर हुई कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किए गए उसके समर्थकों को असम के डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। इसी कारण सरमा को ये धमकी दी गई है।
‘लड़ाई भारत सरकार और प्रधानमंत्री से है’
गुरपतवंत सिंह पन्नू के संगठन सिख फॉर जस्टिस के लोगों ने खालिस्तान और अमृतपाल वाले मामले से दूर रहने की चेतावनी दी है. धमकी में यह भी कहा गया है कि खालिस्तान समर्थकों की लड़ाई भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है. इसलिए असम के सीएम इस मामले में ना पड़ें.
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12 पत्रकारों काे किए गए फोन
सरमा को धमकी देने के लिए असम के करीब 12 पत्रकारों को फोन किए गए हैं। फोन करने वाले शख्स ने कहा, असम में कैद खालिस्तान समर्थकों को प्रताड़ित किया गया है। सरमा इस बात को ध्यान से सुनें। खालिस्तान समर्थकों की लड़ाई भारत सरकार और मोदी से है, इसलिए इस मामले से सरमा दूर रहें. कहीं ऐसा न हो कि सरमा इस हिंसा का शिकार हो जाएं। फोन पर ये भी कहा गया कि असम सरकार अगर अमृतपाल समर्थकों को प्रताड़ित करेगी तो इसकी जवाबदारी सरमा की होगी।
सिख फॉर जस्टिस का मकसद
खालिस्तान की मांग को लेकर कई सारे संगठन बने हैं. इन्हीं में एक सिख फॉर जस्टिस भी है. इस संगठन की शुरुआत 2007 में अमेरिका से हुई थी. इसका सारा कामकाज गुरपतवंत सिंह पन्नू ही देखता है. इस संगठन का मकसद पंजाब को देश से अलग कर खालिस्तान बनाने का है. खालिस्तान यानी खालसाओं की भूमि. ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि इस संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से फंडिंग होती है.