पश्चिम बंगाल की राजनीति में कांग्रेस के इकलौते विधायक के टीएमसी में शामिल हो गए। इसके बाद राज्य में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं रह गया है। वहीं, कांग्रेस विधायक के इस कदम से विपक्षी एकता पर फिर एक बार सवाल खड़ा हो गया। यही कारण है कि कांग्रेस ने अपने विधायक के जाने के बाद टीएमसी पर जबरदस्त हमला बोला।
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में अपने एकमात्र विधायक बायरन बिस्वास को खो दिया, क्योंकि वह सोमवार को सत्तारूढ़ टीएमसी में चले गए। विश्वास अपने महासचिव अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
विपक्षी एकता पर सवाल!
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के विधायक के टीएमसी में जाने के बाद दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। दोनों ने एक दूसरे पर 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी एकता के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह की “अवैध खरीददारी” विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए नहीं की गई है और केवल बीजेपी के उद्देश्यों को पूरा करती है। कांग्रेस पर विपक्षी एकता कर भरोसा तोड़ने का आरोप लगाते हुए टीएमसी ने भी पलटवार किया।
कांग्रेस MLA को TMC ने भुना लिया- जयराम
टीएमसी पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘ऐतिहासिक जीत में कांग्रेस विधायक चुने जाने के तीन महीने बाद बायरन बिस्वास को पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने लुभा लिया है।’ रमेश ने ट्विटर पर कहा, यह सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के जनादेश के साथ पूर्ण विश्वासघात है। जयराम ने कहा कि इस तरह के कदम विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए नहीं हैं और केवल बीजेपी के उद्देश्यों को पूरा करती है।”
ममता का कांग्रेस को जवाब
रमेश की टिप्पणी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “हम (विपक्षी दल) राष्ट्रीय स्तर पर सभी एक साथ हैं। सभी दलों को यह समझना चाहिए कि राज्य दलों के अपने दायित्व हैं। हमने केवल मेघालय और गोवा से चुनाव लड़ा है लेकिन जब कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। हमने राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल, गुजरात और छत्तीसगढ़ में व्यवधान नहीं डाला। बाधित करने के बजाय हमने उनका समर्थन किया।