मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को सूरत सेशंस कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई गई है। बता दें कि 2019 में कर्नाटक के कोलार में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आखिर सभी चोरों के सरनेम में मोदी ही क्यों। सूरत वेस्ट से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ केस किया था। हालांकि, इस मामले में उन्हें जमानत भी मिल गई है। अदालत ने राहुल गांधी को IPC की धारा 504 के तहत सुनाई है।
17 मार्च को पूरी हुई थी दोनों पक्षों की दलील
दरअसल, 17 मार्च को दोनों पक्षों की दलील पूरी हो गई थी और 23 मार्च को फैसला सुनाने का दिन अदालत ने तय किया। अदालत ने जब राहुल गांधी से कहा कि इस मामले में दोष सिद्धि हुई है, आपका क्या कहना है। राहुल गांधी बोले कि वो लोगों के नेता हैं, जो भी कुछ वो लोगों की आवाज थी। उनके बयान से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन अभियोजन पक्ष ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने की अपील की।
मामले में हुए थे दोषी करार
इससे पहले मोदी सरनेम को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में गुजरात की सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार दिया। राहुल गांधी अदालत में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। राहुल कोर्ट में पेशी के लिए गुरुवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे। बता दें कि राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू बोले
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी जो कुछ बोलते हैं उससे नुकसान होता है। कांग्रेस के ही नेताओं ने बताया कि राहुल जी जो कुछ बोलते हैं उससे नुकसान हो गया। वो अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। लोकतंत्र में हर एक राजनीतिक शख्सियत को अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन यह तो देखना ही होगा कि बयानों से किस तरह का असर पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि अदालत ने भी माना है कि 2019 में राहुल गांधी ने जो बयान दिया उसे सही नहीं माना। यही नहीं राहुल गांधी को लोकतंत्र की अदालत में माफी मांगना चाहिए।
क्या है मामला?
ये मामला 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले का है। आरोप है कि कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, “कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?”। उनके इस बयान के बाद भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि राहुल गांधी ने इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।
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