कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दो साल की सजा को चुनौती देने जा रहे हैं। राहुल सत्र अदालत में अपील दायर करने के लिए कल गुजरात के सूरत जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक राहुल की याचिका तैयार कर ली गयी है. दरअसल, सूरत की एक अदालत ने 23 मार्च को दिए गए आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए राहुल गांधी को 30 दिन का समय दिया है। अदालत ने इस मामले में गांधी को जमानत भी दे दी है।

राहुल की कानूनी टीम सतर्क रुख अपना रही

राहुल की सजा को लेकर कांग्रेस ने तर्क दिया है कि सूरत अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिका दायर करने में कोई देरी नहीं हुई है। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल के खिलाफ सूरत कोर्ट के 168 पन्नों के फैसले का विशेषज्ञों द्वारा अनुवाद किया गया है और याचिका एक सप्ताह के भीतर दायर करने के लिए तैयार थी, लेकिन राहुल गांधी की कानूनी टीम “काफी सतर्क रुख” अपना रही थी। इसके नतीजों को देखें कि यह पटना और रांची अदालतों में इसी तरह के आधार पर दायर दो अन्य समान मामलों पर हो सकता है।

राहुल की अयोग्यता को कैश करना चाह रही कांग्रेस!

विशेषज्ञों की तरफ से यह भी कहा गया है कि राहुल की कानूनी टीम यह देखते हुए अगले स्तर पर जाने के लिए तैयार है कि राहुल अयोग्य हैं क्योंकि उन्होंने 2016 की नोटबंदी के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “लगातार और सीधे” निशाने पर लिया है। इसके बाद जीएसटी बिल और निजीकरण के साथ, ताजा हमला उद्योगपति गौतम अडानी के साथ उनके संबंधों को लेकर है। कांग्रेस के शीर्ष कानूनी सलाहकार समीक्षा याचिका पर काम कर रहे थे, जिसे कल सूरत सत्र न्यायालय में दायर किए जाने की संभावना है।

राजनीतिक और कानूनी तौर पर लड़ने की तैयारी

कांग्रेस ने कहा है कि वह इस मामले को राजनीतिक और कानूनी तौर पर लड़ेगी और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं को लगता है कि राहुल की अयोग्यता ने विपक्षी रैंकों के बीच एकता लाने में मदद की है, जिसका पहला परिणाम यह हुआ कि 19 विपक्षी दल अब बीजेपी के खिलाफ दुर्लभ एकता प्रदर्शित कर रहे हैं, जो पहले केवल मुट्ठी भर थे।

राहुल पर मानहानि का केस

बता दें, राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘सारे चोरों के नाम मोदी कैसे हैं’. इसके बाद उनके खिलाफ केस हुआ था. उन पर पूरे मोदी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धूमिल करने का आरोप लगा था. 23 मार्च काे मानहानि के इस मामले में राहुल काे दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा दी गई थी, जिसके बाद उन्हें लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

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