जयपुर। राजस्थान में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में एक बार फिर उथल-पुथल मची है। जयपुर के शहीद स्मारक पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका अनशन पूर्व वसुंधरा राजे सरकार के शासनकाल में हुए घोटालों को लेकर है। वो उस दौरान हुए घोटालों की जांच न कराये जाने को लेकर अपनी ही गहलोत सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। पायलट के उपवास पर अडिग रहने के फैसले के बीच कांग्रेस आलाकमान ने कड़ी चेतावनी भी दी है। लेकिन पायलट इसे दरकिनार कर अनशन पर बैठ गये हैं।
पायलट ने दी थी चेतावनी
दरअसल, कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट ने बीते दिनों एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा था कि वो सीएम को बीते दो सालों से भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के लिए कई चिट्ठियां लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के शासन में कई घोटाले हुए थे और इसी को लेकर हमारी सरकार बनी थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पायलट ने कहा कि वो राज्य से भ्रष्टाचार का खात्मा चाहते हैं और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मांग को लेकर वो आज अनशन कर रहे हैं। हलांकि पार्टी ने दो टूक कहा है कि इस तरह की कोई भी गतिविधि पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी।
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कांग्रेस आलाकमान पर दबाव की कोशिश
अपनी ही सरकार के खिलाफ पायलट के इस कदम को विधानसभा चुनावों से पहले नेतृत्व के मुद्दे को हल करने के लिए आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। पायलट द्वारा प्रस्तावित धरने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि उनकी सरकार के खिलाफ इस तरह का कोई भी विरोध साफ तौर से पार्टी विरोधी है और कांग्रेस के हित के खिलाफ है।
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तो क्या पायलट पर कार्रवाई हागी?
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि पायलट का अनशन अनुशासनहीनता माना जाएगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी पार्टी द्वारा खींची खीं गई रेड लाइन को पार करने के बाद उन पर पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई होती या नहीं।
पायलट पर एक्शन आसान नहीं
पायलट के करीबी सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने और रंधावा दोनों ने फोन पर बात की, लेकिन राज्य के एआईसीसी प्रभारी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री को अनशन खत्म करने के लिए नहीं कहा. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई वसुंधरा राजे शासन के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ है, ना कि किसी और को निशाना बनाने क लिए। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट के करीबी सूत्रों ने यह भी कहा कि जैसे राहुल गांधी कथित भ्रष्टाचार के अडाणी मुद्दे पर लड़ रहे हैं, वैसे ही पायलट पिछली वसुंधरा राजे सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए ये कदम उठा रहे हैं।
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बीजेपी की प्रतिक्रिया
पायलट के अनशन पर बीजेपी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौर ने कहा कि सचिन पायलट हाईकमान को खुली चुनौती दे रहे हैं। उनका दिन भर का अनशन कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश भर में अपनी पकड़ खो दी है।