बीते दिनों 2000 हजार रुपये के नोट वापस लेने के फैसले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट (Suprene Court) ने जल्द सुनवाई से फिर इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही जल्द सुनवाई से इनकार किया जा चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर अपनी रजिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी कि पिछले हफ्ते अदालत ने जल्द सुनवाई पर क्या कहा था.

RBI के नोटिफिकेशन को चुनौती

दरअसल, 19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि चलन में मौजूद ये नोट या तो बैंक खातों में जमा किये जाएं या 30 सितंबर तक इन्हें बदल लिया जाए. आरबीआई ने एक बयान में कहा था कि 2000 रुपये के नोट की वैधता बनी रहेगी.

RBI के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो शुक्रवार को दोबारा जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं. इस याचिका में बिना पहचान, नोट बदलने के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फैसले को चुनौती दी गई है.

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जल्द सुनवाई से दोबारा इंकार

शीर्ष अदालत ने पिछले हफ्ते भी जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम ऐसे केस सुनवाई के नहीं लेंगे. याचिकाकर्ता इसके लिए जुलाई में सीजेआई के पास मेनशिंग करें.

हाईकोर्ट ने बताया था नीतिगत मामला

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में ये अपील की गई है. हाईकोर्ट ने आरबीआई के नोटिफिकेशन पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि 2,000 रुपये के नोटों ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है. हाईकोर्ट ने इसी नीतिगत मामला बताते हुए याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं.

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