पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से मानहानि के मामले में 2 साल की सजा बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। अब इस मामले में सदस्यता खत्म करने के प्रावधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

जनप्रतिनिधित्व कानून काे असंवैधानिक करार देने की मांग

दरअसल, केरल की रहने वाली आभा मुरलीधरन ने राहुल गांधी के मामले का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है। याचिका में महिला ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) को असंवैधानिक करार देने की मांग की है।

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी अब ‘पूर्व सांसद’, लोकसभा से जारी हुई सदस्यता रद्द होने की अधिसूचना

‘धारा-8 (3) का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा’

याचिका में मुरलीधरन ने कहा कि कहा कि संविधान की धारा 8 (3) का राजनीतिक दल गलत इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे। ये राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग की जा रही। ये हमारे चुनावी प्रक्रिया में अशांति पैदा कर सकती है। ऐसे में जब भी किसी को दो साल की सजा हो तो उसकी सदस्यता तुरंत ना खत्म की जाए, बल्कि उसके अपराध की प्रवृत्ति, भूमिका आदि को देखकर इस पर फैसला लिया जाए।

ये भी पढ़ें- विपक्ष लामबंद! सुप्रीम कोर्ट पहुंचे 14 विपक्षी दल, ED-CBI की कार्रवाई पर गाइडलाइन मांगी

गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें 23 मार्च को दो साल कारावास की सजा सुनाई। हालांकि, सुनवाई के दौरान ही अदलात ने राहुल गांधी को जमानत भी दे दी और सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि फैसले को चुनौती दे सकें। लेकिन फैसले के 24 घंटे बाद ही यानी 24 मार्च को राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here