मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) से फिर बुरी खबर सामने आई है। कारण, नामीबिया से लाए गए चीते के दो और शावकों की मौत हो गई है। इससे पहले 23 मई को भी एक शावक की मौत हो गई थी।

दक्षिण अफ्रीकी देशों से मध्य प्रदेश के कूनो लाई गई मादा चीता ज्वाला के कुछ दिन पहले जन्मे चार शावकों में से दो और ने आज दम तोड़ दिया। ज्वाला के एक शावक ने 23 मई को दम तोड़ दिया था। अब सिफर एक शावक शेष है, उसे इलाज के लिए पालपुर स्थित चिकित्सालय में रखा गया है। जहां इसकी हालत भी गंभीर बताई जा रही है। सभी शावक लगभग आठ सप्ताह के हैं।

भीषण गर्मी बनी वजह!

कूनो राष्ट्रीय उद्यान की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसा गत 23 मई को ज्वाला के एक शावक की मृत्यु हो गई थी। उस दिन इस ग्रीष्मकाल का सर्वाधिक गर्म दिन था। उसी दिन शेष तीनों शावकों की स्थित असामान्य पाई गई थी, जिसके बाद उन्हें निगरानी में रखा गया था, लेकिन सतत निगरानी के बावजूद दो और शावकों को बचाया नहीं जा सका।

अत्यधिक डिहाईड्रेटेड पाए गए थे शावक

विज्ञप्ति के अनुसार सभी चीता शावक कमजोर, सामान्य से कम वजन वाले और अत्यधिक डिहाईड्रेटेड पाए गए थे। मानकों के अनुसार चीता शावकों के पोस्टमाटर्म किए जाएंगे।

पहली बार मां बनी थी ‘ज्वाला’

दरअसल, मादा चीता ज्वाला हैंड रियर्ड चीता है, जो पहली बार मां बनी थी। चीता शावकों की उम्र लगभग आठ हफ्ते है। इस अवस्था में चीता शावक सामान्यतः जिज्ञासु होते हैं एवं मां के साथ लगातार चलते हैं। चीता शावकों ने अभी लगभग 8-10 दिन पूर्व ही अपनी मां ज्वाला के साथ घूमना शुरू किया था।

नामीबिया और SA से ली जा रही सलाह

शावकों के उपचार के लिए नामीबिया एवं साउथ अफ्रीका के सहयोगी चीता विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों से लगातार सलाह ली जा रही है। उक्त शावक वर्तमान में गहन उपचार में हैं एवं उसके स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर है। मादा चीता ज्वाला वर्तमान में स्वस्थ है जिसकी सतत निगरानी की जा रही है।

 

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