लोकसभा चुनाव के बीच सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दिया है…दरअसल कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के रंगभेद वाले बयान पर विवाद खड़ा हो गया था, जो कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया था, उन्होंने कहा था कि देश के पूर्वी हिस्से के लोग चीनी- दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों की तरह दिखते है और हम 75 सालों से सुखद माहौल में रह रहे हैं, जहां कुछ लड़ाइयां या विवाद न हो तो लोग साथ रह सकते हैं, हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं…जिस पर विवाद खड़ा हो गया…।
जिसके बाद सैम पित्रोदा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेजा था… और उनका इस्तीफा खड़गे ने स्वीकार भी कर लिया…कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, जिसमें उन्होंने कहा- कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया है, जिसे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मंजूर भी कर लिया है।
बीजेपी का कांग्रेस पर तीखा प्रहार
सैम पित्रोदा के विवादिन बयान पर बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का इशारा देश को विभाजित कर विदेशी शक्तियों के हाथों में सौंप देने का है, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर हमला बोला…सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहा है, कांग्रेस का नकाब चेहरे से उतरता जा रहा है।
कैसा बयान…क्या है विवाद ?
दरअसल सैम पित्रोदा ने भारत, भारतीय संस्कृति, भारतीय पहचान, भारत के लोगों की पहचान पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है, मुद्दा चुनाव और राजनीति का नहीं, बल्कि भारत के अस्तित्व का है, पित्रोदा ने कहा था कि भारत की विविधता और लोकतंत्र को राम मंदिर, राम नवमी और प्रधानमंत्री मोदी के मंदिर जाने से चुनौती मिल रही, उत्तर भारत वाले व्हाइट हैं, पश्चिम भारत वाले अरब हैं, पूरब भारत वाले चाइनीज हैं तो दक्षिण भारत वाले अफरीकी हैं…जिसके बाद से उनके बयान पर सियासी पारा गरम हो गया… और इस पर बीजेपी लगातार हमलावर है।