कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों में उलझा हिजाब मामले पर सुप्रीम कार्ट ने तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि होली के बाद इस मालमें में सुनवाई करेंगे। याचिकाकर्ता शरीयत कमेटी के अधिवक्ता शादान फरासत ने याचिका में गुहार लगाई थी कि छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा की इजाजत दी जाए क्योंकि वो पहले ही एक साल खराब कर चुकी हैं। जिस पर CJI ने कहा कि हम इस मामले पर तत्काल सुनवाई नहीं कर सकते और होली की छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए बेंच का गठन करेंगे। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि 9 मार्च से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इस पर CJI ने कहा कि आप आए ही आखिरी दिन, अब हम इसमें क्या कर सकते हैं। दरअसल, होली के कारण 12 मार्च तक सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी रहेगी।
बता दें कि कर्नाटक में बीते साल साल स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर बैन लगाने के सरकार के फैसले को लेकर खूब विवाद देखने को मिला था। राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिकाएं लगाईं गईं थीं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्लासरूम के अंदर हिजाब पर बैन हटाने की मांग संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था, कि हिजाब इस्लामी आस्था या धार्मिक अभ्यास का हिस्सा नहीं है, जिसके बाद हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट में 2 जजों की बेंच ने बंटा हुआ फैसला सुनाया था। दोनों जजों की राय अलग होने के बाद मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया था, तब से तीन जजों की बेंच का गठन नहीं किया गया है।