भारत में सुप्रीम कोर्ट ने वेश्यावृत्ति को पेशा माना है और इसे वैध करार दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सहमति के साथ काम करने वाली सेक्स वर्कर्स के काम में पुलिस दखल ना दें, ना ही उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए, दरअसल मध्यप्रदेश में कुछ ऐसे समुदाय भी हैं, जिनका पारिवारिक पेशा ही देह व्यापार है, इस पेशे को पारंपरिक प्रथा का हवाला दे रहे है, प्रदेश का एक बांछड़ा समुदाय समुदाय है, जो खुलेआम देह व्यापार परिवार की सहमति देता है, अपनी बेटियों से जबरन देह व्यापार कराता है।

मंदसौर, नीमच और रतलाम जिले में 65 गांवों में ऐसे 250 अड्डे हैं, जहां घर में लड़कियों जन्म होने पर विशेष खुशी मनाई जाती है, ताकि इस कथित परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके, वेश्यावृत्ति इस समुदाय का कमाई का सबसे बड़ा जरिया माना जाता है इसलिए यहां ज्यादा बेटियां मतलब ज्यदा ग्राहक और ज्यादा पैसा, नीमच, मंदसौर, रतलाम से गुजरने वाले स्टेट हाइवे के किनारे करीब 50 से अधिक गांव और डेरे हैं, जहां पर देह व्यापार खुले में होता है, शाम होते ही हाइवे के किनारे की बस्तियों, डेरे गुलजार हो जाते हैं, वहीं इसी समुदाय के कुछ सुधारवादियों इस पर चिंता जाहिर की है और कोर्ट के फैसले की आड़ में नाबालिग बच्चियों के साथ शोषण बढ़ सकता है, नाबालिग बच्चियों से देह व्यापार कराने पर रोक लगाने के लिए समुदाय के युवा हाईकोर्ट में याचिका डाली है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here