खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर पुलिस और एजेंसियां आकाश-पाताल एक कर रही हैं, लेकिन फिलहाल वा गिरफत से बाहर है। इसी बीच पंजाब के मौजूदा हालातों पर चर्चा के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि विभिन्न जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों के सुझावों को लेकर हम सरकार सरकार से कहते हैं कि अमृतपाल के मामले में जितने भी युवक गिरफ्तार किए गए है, उनको रिहा कर दिया जाए।

24 घंटे का अल्टीमेटम!

दरअसल, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से अमृतपाल की ओर से 23 फरवरी को अजनाला थाना घेरने के बाद पंजाब में बन रहे हालातों को लेकर सोमवार को श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक बुलाई गई थी। करीब तीन घंटें तक चली इस बैठक में 60 से अधिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे, जिसके बाद सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया गया है। अगर पकड़े गए सिख युवाओं को रिहा ना किया गया तो ‘खालसा वहीर‘ निकाली जाएगी।

किसी भी राजनीतिक दल को नहीं किया शामिल

ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में इस बार किसी भी राजनीतिक पार्टी को नहीं बुलाया गया है। सिर्फ बुद्धिजीवी और सिख धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को ही इसमें शामिल होने का न्योता दिया गया था। बैठक के बाद बाहर आए विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि बैठक में सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देने और उसके बाद बड़ा एक्शन करने पर सहमति हुई है। हालांकि ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से अभी अपना अधिकारिक बयान दिया जाना है।

प्रत्येक संगठन को मिले 2-2 मिनट

श्री अकाल तख्त साहिब कार्यालय में चली बैठक में प्रत्येक संगठन के प्रतिनिधि को सिर्फ दो मिनट बोलने के लिए समय दिया गया। इस समय सिर्फ सुझाव लिए गए। ज्ञानी हरप्रीत सिंह का कहना है कि जिस तरह बड़े स्तर पर पंजाब में पुलिस की कार्रवाई हुई और सिख युवाओं को पकड़ा गया, यह चिंता का विषय है। बुद्धिजीवियों, सिख धार्मिक संगठनों के नुमाइंदों ने इस पर अपने अपने विचार दिए है। बहुत सारे सुझाव प्रतिनिधियों ने दिए है।

‘पकड़े युवाओं को टार्चर नहीं किया जाना चाहिए’

ज्ञानी हरप्रीत सिंह का कहना है कि इस बैठक में राजनीतिक पार्टियों को इसलिए न्योता नहीं दिया गया क्योंकि राजनीतिक पार्टियों को बुलाने से बैठक का राजनीतिकरण हो जाता है। जो हालातों को देखते हुए ठीक नहीं है। इसमें सिर्फ धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि व बुद्धिजीवियों ने ही अपने विचार रखे है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि अगर अमृतपाल ने कोई अपराध ही नहीं किया तो फिर उसे पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। सरकार को भी पकड़े युवाओं को टार्चर करने की जगह उनके प्रति हमदर्दी रखनी चाहिए।

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